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India Daily

Canada Elections 2025: मार्क कार्नी की अगुवाई में लिबरल पार्टी ने कनाडा चुनाव में मारी बाजी, कंजर्वेटिव को बड़ा झटका

Canada Elections 2025: कनाडाई मीडिया के अनुसार, मार्क कार्नी की लिबरल पार्टी ने चुनाव में जीत हासिल की है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि वे बहुमत की सरकार बना पाएंगे या नहीं.

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Edited By: Ritu Sharma
Mark Carney
Courtesy: Social Media

Canada Election 2025: कनाडा में हुए आम चुनावों में मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी ने जीत दर्ज की है. हालांकि, यह अभी स्पष्ट नहीं है कि वे पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना पाएंगे या नहीं. सीबीसी और सीटीवी न्यूज द्वारा जारी अनुमानों के अनुसार, कार्नी ने विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे को पीछे छोड़ते हुए बढ़त हासिल की है.

बहुमत से दूर, समर्थन जुटाने की चुनौती

बता दें कि लिबरल पार्टी को बहुमत के लिए 172 सीटों की आवश्यकता है, जबकि फिलहाल पार्टी इससे पीछे चल रही है. अगर पार्टी अल्पमत में रहती है, तो उसे सत्ता में बने रहने के लिए अन्य दलों के साथ गठबंधन करना पड़ सकता है. कनाडा के इतिहास में अल्पसंख्यक सरकारें आम तौर पर ढाई साल से ज्यादा टिक नहीं पाई हैं.

ट्रंप की बयानबाजी से कार्नी को मिला अप्रत्यक्ष समर्थन

इस चुनाव में खास बात यह रही कि शुरुआत में कंजर्वेटिव पार्टी को बढ़त मिली थी, लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादित बयानों ने समीकरण बदल दिए. ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने की बात कहकर दोनों देशों के रिश्तों में खटास पैदा कर दी. इसके जवाब में कार्नी ने वॉशिंगटन के खिलाफ सख्त रुख अपनाने की बात कही और कहा कि 'कनाडा को अमेरिका पर निर्भरता कम करने के लिए अरबों डॉलर खर्च करने होंगे.'

चुनाव से पहले वैंकूवर में दिल दहला देने वाली घटना

वहीं चुनाव से ठीक पहले वैंकूवर के एक मेले में हुए हमले में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जिससे चुनाव प्रचार कुछ समय के लिए रोकना पड़ा. पुलिस ने इस घटना में आतंकवाद की आशंका को खारिज किया है और बताया कि आरोपी मानसिक रूप से अस्थिर एक स्थानीय नागरिक है.

कार्नी का बैंकिंग से राजनीति तक का सफर

बताते चले कि मार्क कार्नी पहले कनाडा के केंद्रीय बैंक के गवर्नर रह चुके हैं और फिर वह बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर बने. इस पद तक पहुंचने वाले पहले गैर-ब्रिटिश नागरिक बने. अब वे कनाडा के प्रधानमंत्री पद पर आसीन हो सकते हैं, लेकिन बहुमत की राह अभी साफ नहीं है.