क्या इजरायली मिसाइल से तबाह हो सकती हैं ईरान की न्यूक्लियर साइट! लगा निशाना तो होगा कितना नुकसान?
Iran Israel Conflict: इजरायल की ओर से दावा किया गया है कि उसने ईरान के महत्वपूर्ण परमाणु केंद्र शहर इस्फहान पर हवाई हमला किया है. हालांकि ईरान ने वीडियो जारी कर किसी प्रकार के हमला होने की बात को खारिज किया है.
Iran Israel Conflict: अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया है कि इजरायल ने शुक्रवार सुबह ईरान के खिलाफ मिसाइली हमले किए हैं. वहीं, ईरान के शीर्ष अधिकारियों ने इस तरह के किसी भी हमले से इंकार किया है. ईरानी अधिकारी का कहना है कि हम पर कोई हमला नहीं हुआ है और न ही हम किसी प्रकार के हमलों का जवाब देने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर इजरायली अधिकारी हमले की समीक्षा कर रहे हैं. इजरायली मीडिया के मुताबिक, इजरायल ने सीरिया, ईराक के अलावा ईरान के इस्फान शहर को भी निशाना बनाया है. इस्फहान शहर में ही ईरान का परमाणु रिएक्टर और फ्यूल उत्पादन प्लांट है. कहा जा रहा है इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर निशाना साधा है. इजरायल अब हमले के नुकसान की समीक्षा कर रहा है. इजरायली दावों को खारिज करते हुए ईरान ने अपने परमाणु ठिुकानों का एक वीडियो भी जारी किया है और बताया कि उसके परमाणु केंद्र पूरी तरह सुरक्षित हैं और देश में किसी भी तरह का कोई हवाई हमला नहीं हुआ है. सवाल है क्या इजरायली मिसाइल ईरान के परमाणु केंद्रों को निशाना बना सकती हैं? ऐसी स्थिति में ईरान क्या करेगा और उसे क्या नुकसान होगा?
ईरान ने बीती रविवार देर रात को एक अप्रैल को दमिश्क में उसके वाणिज्यिक दूतावास पर हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की थी. इजरायल तब से ही ईरान पर सही समय आने पर हमले का जवाब देने की बात कर रहा था. बीती रविवार देर रात ईरान ने करीब 300 से ज्यादा मिसाइल और ड्रोन दागे थे. इसके बाद कयास लगाए जाने शुरु हो गए थे कि इजरायल ईरान के परमाणु केंद्र को निशाना बना सकता है. ईरान का इस्फहान शहर देश के मध्य इलाके में है. जानकारों का कहना है कि इजरायल इसे निशाना बना सकता है. इस्फहान में सैन्य एयर बेस, मिसाइल प्रोडक्शन फैक्ट्री और परमाणु रिएक्टर प्लांट है. हालांकि ईरान ने इजरायली हमलों के दावों को पूरी तरह से खारिज किया है. इजरायल ने इससे पहले भी साल 2023 में इस्फहान को निशाना बनाया था. इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपने देश पर हुए ईरानी हमले के बाद बदला लेने की कसम खाई थी. इजरायली पीएम ने इसके बाद वॉर कैबिनेट के साथ बैठक के बाद हमले का स्थान और समय तय किया था, कहा जा रहा है कि इसी बैठक में हमले को लेकर पूरी रणनीतिक योजना बनाई गई थी.
हाल ही में लंदन के एक अखबार ने बताया कि इजरायल अपने फाइटर पायलट्स को ट्रेनिंग दे रहा है ताकि ईरान के परमाणु केंद्रों को निशाना बनाया जा सके. इजरायल इसके लिए अपनी मिसाइलों को भी तैयार कर रहा है. ईरान के अरक हैवी वाटर रिएक्टर, बुशहर न्यूक्लियर पॉवर स्टेशन,नातांज यूरेनियम एनरिचमेंट फैसिलिटी. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इजरायल ने यदि इन केंद्रों को निशाना बनाया तो मिडिल ईस्ट में संघर्ष का स्तर बेहद भयावह हो जाएगा. इजरायल का एडवांस डिफेंस सिस्टम, ताकतवर वायुसेना ईरान को जंग के मैदान में नेस्तनाबूद कर सकती हैं. इजरायल एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट के अलावा वह छोटे लड़ाकू विमान एफ-15 ईगल्स, एफ-16 लड़ाकू विमान, और अमेरिका के जीबीयू-72 बम के साथ हमला कर सकता है. यह विमान अलग-अलग टारगेट के लिए छोटे-छोटे बमों का भी प्रयोग कर सकता है.
अमेरिकी कांग्रेस के बजट कार्यालय की 2004 की एक रिपोर्ट के अनुसार, परमाणु ऊर्जा संयंत्र पर हमला होने से बहुत व्यापक नुकसान हो सकता है. भारी मानवीय तबाही के साथ-साथ पर्यावरणीय और आर्थिक नुकसान भी आंकलन से परे होगी. परमाणु संयंत्रों को लगातार ठंडा बनाए रखने के लिए लगातार पानी की आपूर्ति की जाती है हमले की स्थिति में यदि पानी की सप्लाई बाधित हो जाती है तो स्थिति बेहद खतरनाक होने की आशंका रहती है. जानकारों के मुताबिक, परमाणु केंद्र किसी भी देश के लिए सबसे अहम सुरक्षा ठिकाने होते हैं और इनसे होने वाला नुकसान स्थानीय आबादी के लिए बड़ा खतरा हो सकता है. परमाणु केंद्रों पर हमला होने से रेडिएशन का भी खतरा रहता है जिससे भयंकर जानमाल की तबाही का खतरा होगा.