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Foreign Policy: विदेश में नियम तोड़ना पड़ सकता है भारी, भारतीयों के लिए MEA की नई एडवाइजरी जारी

Foreign Policy: भारत सरकार ने विदेशी नागरिकों से स्थानीय कानूनों का पालन करने की उम्मीद जताई है. वहीं जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के शिक्षक बदर खान सूरी को 'हमास प्रचार' के आरोप में हिरासत में लिया गया.

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Indian Citizens Abroad: भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों को स्पष्ट संदेश दिया है कि उन्हें संबंधित देश के स्थानीय कानूनों और नियमों का पालन करना चाहिए. यह बयान ऐसे समय आया है जब दो भारतीय नागरिकों-बदर खान सूरी और रंजिनी श्रीनिवासन-को अमेरिकी अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिया गया है और उनके वीजा रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है.

भारतीय दूतावास से नहीं किया संपर्क

वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि सूरी और रंजिनी में से किसी ने भी अब तक भारतीय अधिकारियों से कोई सहायता नहीं मांगी है. उन्होंने कहा, ''न तो अमेरिकी सरकार और न ही इन व्यक्तियों ने हमसे या दूतावास से संपर्क किया है. अगर वे मदद के लिए हमसे संपर्क करते हैं, तो हम मामले की गंभीरता को देखते हुए उचित कदम उठाएंगे.''

हमास से जुड़े आरोपों पर विवाद

बता दें कि बदर खान सूरी पर 'हमास दुष्प्रचार' फैलाने का आरोप है, जिसके चलते उन्हें हिरासत में लिया गया. वहीं, रंजिनी श्रीनिवासन को वीजा रद्द होने का खतरा है, और वह कार्रवाई से बचने के लिए कनाडा भाग गई हैं.

'इमीग्रेशन पॉलिसीस' पर भारत का रुख

बताते चले कि जब रंजिनी के वीजा रद्द होने को लेकर सवाल किया गया, तो अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ''वीजा और आव्रजन नीतियां संप्रभु देशों के अधिकार क्षेत्र में आती हैं.'' भारत सरकार का मानना है कि जैसे विदेशी नागरिक भारत आने पर हमारे नियमों का पालन करते हैं, वैसे ही भारतीय नागरिकों को भी विदेशों में स्थानीय कानूनों का सम्मान करना चाहिए. इसके अलावा, सरकार ने संकेत दिया है कि यदि कोई भारतीय नागरिक विदेश में स्थानीय नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे वहां की सरकार की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.