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India Daily

बम विस्फोट से हिला पाकिस्तान का दक्षिणी वजीरिस्तान, 7 लोगों की मौत, 16 घायल, क्या आतंकियों ने लिया 54 मौत का बदला?

स्थानीय पुलिस प्रमुख उस्मान वजीर ने बताया कि यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दक्षिण वजीरिस्तान जिले के मुख्य शहर वाना में हुआ. यह बम विस्फोट उस समय हुआ जब सेना ने घोषणा की थी कि सैनिकों ने उत्तरी वजीरिस्तान जिले में एक बड़े अभियान में 54 आतंकवादियों को मार गिराया है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Bomb Blast in Pakistan South Waziristan
Courtesy: Social Media

पाकिस्तान के अशांत उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सोमवार (28 अप्रैल) को एक शक्तिशाली बम विस्फोट ने दहशत फैला दी. यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दक्षिण वजीरिस्तान जिले के मुख्य शहर वाना में सरकार समर्थक शांति समिति के कार्यालय के बाहर हुआ. इस हमले में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और 16 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय पुलिस प्रमुख उस्मान वजीर ने बताया कि यह बम विस्फोट शांति समिति के कार्यालय को निशाना बनाकर किया गया. उन्होंने कहा, "यह बम शांति समिति के कार्यालय के बाहर विस्फोटित हुआ, जो सार्वजनिक रूप से पाकिस्तानी तालिबान का विरोध करती है." यह समिति स्थानीय निवासियों के बीच विवादों को सुलझाने में भी मदद करती है. विशेष रूप से, यह हमला उस सैन्य घोषणा के एक दिन बाद हुआ, जिसमें कहा गया था कि उत्तरी वजीरिस्तान में एक बड़ी कार्रवाई में 54 आतंकवादियों को मार गिराया गया, जो अफगानिस्तान से पाकिस्तान में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे.

आतंकी संगठन पर शक

हालांकि, सोमवार के हमले की जिम्मेदारी किसी समूह ने तुरंत नहीं ली, लेकिन एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, इसके लिए पाकिस्तानी तालिबान (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, टीटीपी) पर शक जताया जा रहा है. टीटीपी अक्सर सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाता है. टीटीपी एक अलग संगठन है, लेकिन यह अफगान तालिबान का करीबी सहयोगी है, जिसने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था, जब अमेरिकी और नाटो बल 20 साल के युद्ध के बाद देश से बाहर निकल रहे थे.

अफगानिस्तान में टीटीपी की मौजूदगी

अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बाद से कई टीटीपी नेता अफगानिस्तान में शरण लिए हुए हैं और कुछ वहां खुलेआम रह रहे हैं. इसने पाकिस्तानी तालिबान को और प्रोत्साहित किया है. बता दें कि, यह हमला क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता और आतंकी गतिविधियों का संकेत देता है.