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India Daily

जाफर ट्रेन को हाईजैक करके यात्रियों के आईकार्ड देखे और फिर मारी गोली, पाकिस्तान में बलूच विद्रोहियों का तांडव

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान में बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रहे आतंकवादियों ने एक ट्रेन का अपहरण कर लिया. हालांकि कुछ लोग वहां से भाग निकलें, जिन्होंने वहां का पूरा दृश्य बताया है.

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Edited By: Shanu Sharma
Pakistan Train Hijack
Courtesy: Social Media

Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान में बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ रहे बलूच लिबरेशन आर्मी के आतंकवादियों ने मंगलवार को दक्षिण-पश्चिमी में ट्रेन का अपहरण कर लिया. हालांकि कुछ पाकिस्तानी नागरिक उनके कब्जे से भाग निकले, उन्होंने बताया कि वे अपने बिछड़े रिश्तेदारों को छोड़कर कठिन पहाड़ी इलाकों से घंटों पैदल चलकर वहां से निकले हैं. 

बलूचिस्तानी उग्रवादियों के कब्जे से निकलकर आए पाकिस्तानी नागरिकों ने पूरी कहानी बताई. उन्होंने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन को सफल करने के लिए उग्रवादियों ने सुदूर इलाके में रेलवे ट्रैक को उड़ा दिया, जिससे ट्रेन रुक गई और 450 से अधिक यात्रियों को बंधक बना लिया. पूरी कहानी को बयां करते हुए एक नागरिक ने कहा कि मैं यह बताने के लिए शब्द नहीं खोज पा रहा कि हम कैसे भागने में सफल रहे.

ट्रेन के सीटों के नीचे छीपे लोग

मुहम्मद बिलाल नाम के व्यक्ति इस पूरी कहानी को बताते हुए एएफपी को बताया कि वह अपनी मां के साथ जाफर एक्सप्रेस में सवार थे. अचानक ट्रेन में विस्फोटक हमला हुआ, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए. इसके बाद गोलियों की आवाज आने लगी और इसके बाद आतंकवादियों ने अचानक ट्रेन पर धावा बोल दिया. लोग डरकर सीटों के नीचे छिपने लगें. जिसके बाद उन्होंने पुरूषों और महिलाओं को अलग कर लिया. बिलाल ने बताया कि उन्होंने मुझे और मेरे परिवार को जानें दिया क्योंकि मैं दिल का मरीज हूं. हालांकि 100 से ज्यादा बंधकों को रिहा किया जा चुका है, लेकिन ट्रेन अभी भी आतंकवादियों के कब्जे में है. उन्होंने बताया कि वो वहां से निकलने के लिए पहाड़ों के बीच से चलते हुए निकले. काफी देर तक चलने के बाद उन्हें स्टेशन मिला. उन्होंने कहा कि रोजा का महीना चल रहा है, ऐसे में लोग भूखे-प्यासे हैं.

आतंकियों ने देखा पहचान पत्र

एक यात्री ने बताया कि कैसे बंदूकधारियों ने प्रांत के बाहर के लोगों की पहचान करने के लिए पहचान पत्र देखे, जो बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा हाल ही में किए गए हमलों से मिलते जुलते थे. जिसने घेराबंदी की ज़िम्मेदारी ली है. नाम न बताने की शर्त पर एक यात्री ने निकटतम रेलवे स्टेशन तक चार घंटे चलने के बाद कहा कि वे आए और पहचान पत्र और सेवा कार्ड की जांच की और मेरे सामने दो सैनिकों को गोली मार दी और बाकी चार को ले गए, मुझे नहीं पता कहां ले गए. उन्होंने पहचान पत्र की जाँच की और जो पंजाबी थे, उन्हें आतंकवादी ले गए. बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) का आरोप है कि क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का बाहरी लोगों द्वारा दोहन किया जा रहा है और इसके जवाब में उसने अन्य क्षेत्रों से पाकिस्तानियों पर हमले बढ़ा दिए हैं.