ट्रंप का 'रेसिप्रोकल टैरिफ बम' ने दुनिया के रईसों के लिए बना 'अभिशाप', 208000000000 करोड़ रुपये डूबे

यह गिरावट बिलियनेयर्स इंडेक्स के 13 साल के इतिहास में चौथी सबसे बड़ी एक दिवसीय गिरावट है, और कोविड-19 महामारी के चरम के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है.

Imran Khan claims
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ प्लॉन के ऐलान के बाद दुनिया के 500 सबसे अमीर व्यक्तियों की संपत्ति में $208 बिलियन की गिरावट आई है. दरअसल, यह गिरावट पिछले एक दशक में सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है, जिसने न केवल अमेरिकी बाजारों को बल्कि वैश्विक स्तर पर भी हलचल मचा दी है.

मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति में भारी कमी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस नुकसान में सबसे ज्यादा प्रभावित व्यक्ति फेसबुक और मेटा के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग रहे, जिनकी संपत्ति में $17.9 बिलियन की कमी आई, जो उनके कुल धन में 9 प्रतिशत की गिरावट को दर्शाता है. यह गिरावट ब्लूमबर्ग बिलियनेयर इंडेक्स के 13 साल के इतिहास में चौथी सबसे बड़ी एकल-दिन की गिरावट है और कोविड-19 महामारी के चरम के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है.

जेफ बेजोस और एलन मस्क भी हुए प्रभावित

इसके अलावा, अमेज़न के संस्थापक जेफ बेजोस ने भी अपनी संपत्ति में $15.9 बिलियन की कमी देखी, क्योंकि कंपनी के शेयरों में 9 प्रतिशत की गिरावट आई, जो अप्रैल 2022 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट रही. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप के करीबी मित्र और सरकारी सलाहकार एलन मस्क ने अपनी संपत्ति में $11 बिलियन का नुकसान उठाया, क्योंकि टेस्ला के शेयरों में 5.5 प्रतिशत की गिरावट आई.

जानिए अन्य अमेरिकी अरबपतियों की संपत्ति में आई गिरावट?

अमेरिका के अन्य अरबपतियों की संपत्ति भी गिरावट से बच नहीं पाई. इनमें शामिल हैं:

माइकल डेल ($9.53 बिलियन)

लैरी एलीसन ($8.1 बिलियन)

जेंसन हुआंग ($7.36 बिलियन)

लैरी पेज ($4.79 बिलियन)

सर्गेई ब्रिन ($4.46 बिलियन)

थॉमस पीटर्फी ($4.06 बिलियन)

फ्रांस के बर्नार्ड अरनोल्ट भी प्रभावित

फ्रांस के सबसे अमीर व्यक्ति बर्नार्ड अरनोल्ट भी इस गिरावट से प्रभावित हुए हैं. उनका LVMH समूह (जो क्रिस्चियन डियोर, बुल्गारी और लोरो पियाना जैसे ब्रांड्स का मालिक है) पेरिस में अपने शेयरों में गिरावट देख रहा था, जिससे अरनोल्ट की संपत्ति में $6 बिलियन की कमी आई.

ट्रंप के नए टैरिफ से कैसा रहेगा वैश्विक असर

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 34 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की, जिससे चीन पर लागू कुल शुल्क दर 54 प्रतिशत हो गई. यूरोपीय संघ और जापान से आने वाले सामानों पर क्रमशः 20 प्रतिशत और 24 प्रतिशत का शुल्क लगाया गया, जिससे वैश्विक व्यापार पर व्यापक असर पड़ा है.

India Daily