लाहौर, 6 फरवरी : पाकिस्तान की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे एवं पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री हमजा शहबाज को रमजान शुगर मिल भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया. यह फैसला उस समय आया जब शिकायतकर्ता ने खुद को मामले से अलग कर लिया.
भ्रष्टाचार निरोधक अदालत के न्यायाधीश सरदार मोहम्मद इकबाल ने यह फैसला सुनाया, जिसे सोमवार को सुरक्षित रखा गया था. अदालत के एक अधिकारी ने बताया, "लाहौर की भ्रष्टाचार निरोधक अदालत ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा शहबाज को बरी कर दिया है, क्योंकि शिकायतकर्ता ने खुद को इस केस से अलग कर लिया था."
शिकायतकर्ता ने किया पल्ला झाड़ने का दावा
मामले में शिकायतकर्ता जुल्फिकार अली ने अदालत में कहा कि उन्होंने न तो शरीफ परिवार के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराई थी और न ही उन्हें इस मामले की पूरी जानकारी थी. एक राजनीतिक विश्लेषक ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "इस घटना से साफ दिखता है कि पाकिस्तान में कैसे सेना राजनेताओं को फंसाती है, और जब वे सेना के पक्ष में आ जाते हैं, तो उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों को रद्द कर दिया जाता है."
एनएबी ने 2018 में दर्ज किया था मामला
साल 2018 में, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) ने शरीफ और हमजा के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उन पर आरोप था कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करके राष्ट्रीय खजाने को 20 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का नुकसान पहुंचाया. हमजा शहबाज और उनके छोटे भाई सुलेमान शहबाज पंजाब की रमजान शुगर मिल के मालिक हैं.
क्या अब खत्म हो जाएगा मामला?
शरीफ परिवार को बरी किए जाने के बाद पाकिस्तान की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि भ्रष्टाचार के मामलों में सेना की भूमिका को लेकर बहस जारी रहेगी.
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