India-US Relations: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूती देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है. दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) के लिए संदर्भ की शर्तों (टीओआर) को अंतिम रूप दे दिया है. अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने इसकी पुष्टि करते हुए इसे पारस्परिक व्यापार संतुलन की दिशा में अहम पहल बताया.
ग्रीर का बयान - 'हम रोडमैप तैयार कर रहे हैं'
बता दें कि यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस की ओर से जारी प्रेस रिलीज में ग्रीर ने कहा, ''मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि यूएसटीआर और भारत के वाणिज्य मंत्रालय ने पारस्परिक व्यापार वार्ता के लिए टीओआर तय कर लिया है." उन्होंने आगे जोड़ा, ''भारत के साथ व्यापार में संतुलन की कमी रही है. ये बातचीत अमेरिकी सामानों के लिए नए बाज़ार खोलने और अनुचित प्रथाओं को हटाने में मदद करेगी, जिससे हमारे कामगारों को फायदा पहुंचेगा.''
मोदी-वेंस मुलाकात के बाद बढ़ा डायलॉग
बताते चले कि ये कदम अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया मुलाकात के बाद सामने आया. वेंस ने एक्स पर लिखा, ''आज प्रधानमंत्री मोदी से मिलना सम्मान की बात थी. वो एक शानदार नेता हैं और मेरे परिवार के लिए बेहद दयालु रहे. राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व में भारत के साथ रिश्ते और मज़बूत करने को उत्सुक हूं.''
क्या है बीटीए और क्यों है अहम?
वहीं बीटीए, अमेरिका-भारत की समग्र रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा है, जिसका मकसद व्यापार, रक्षा और टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में नए अवसर पैदा करना है. इसकी शुरुआत फरवरी 2025 में मोदी-ट्रम्प बैठक के बाद हुई थी.
क्या नई नीति असंतुलन को खत्म करेगी?
बहरहाल, डोनाल्ड ट्रम्प की नई व्यापार नीति के तहत अमेरिका ने भारत से आयात पर 26% शुल्क लगाया है. यह 10% के बेस टैरिफ से अतिरिक्त है. हालांकि फार्मा, सेमीकंडक्टर और ऊर्जा क्षेत्रों को इससे छूट मिली है. 2024 में अमेरिका का भारत के साथ व्यापार घाटा 45.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो 5.1% की बढ़ोतरी दर्शाता है.