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धरती के भीतर हो रहे बड़े बदलाव, तेजी से फट रहा अफ्रीका महाद्वीप, दो टुकड़े होते ही बन जाएगा नया महासागर!

अफ्रीका के इस क्षेत्र में जो दरारें पैदा हो रही हैं, वे महाद्वीप को दो हिस्सों में बांटने का कारण बन सकती हैं. अगर इस प्रक्रिया की गति इसी तरह जारी रहती है, तो वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले कई लाख वर्षों में यह दरार इतनी चौड़ी हो जाएगी कि एक नया महासागर अस्तित्व में आ सकता है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
African continent is bursting rapidly
Courtesy: Social Media

पृथ्वी के भीतर निरंतर बदलाव हो रहे हैं जो इंसानों के लिए भले ही कई लाखों और करोड़ों वर्षों में महसूस हों, लेकिन प्रकृति के लिए ये बदलाव अत्यंत तेजी से हो रहे हैं. वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक ऐसी महत्वपूर्ण खोज की है, जो पृथ्वी के भीतर के गहरे बदलावों को उजागर करती है. अफ्रीका के एक हिस्से में एक बड़ी दरार निरंतर चौड़ी हो रही है, और यह बदलाव आने वाले समय में पृथ्वी के भूगर्भीय ढांचे को नया रूप देने की ओर इशारा करता है.

वैज्ञानिकों ने इस दरार के फैलने की प्रक्रिया को ध्यान से अध्ययन किया और पाया कि पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटों के बीच के तनाव की वजह से यह दरार बढ़ रही है. यह टेक्टोनिक फोर्स इतनी तेज गति से काम कर रही हैं कि उनका प्रभाव अपेक्षाकृत जल्दी देखा जा सकता है. इस बदलाव के परिणामस्वरूप अफ्रीका के एक हिस्से में ऐसा स्थान बन रहा है, जहां एक नया महासागर उत्पन्न हो सकता है.

बन जाएगा नया महासागर

अफ्रीका के इस क्षेत्र में जो दरारें पैदा हो रही हैं, वे महाद्वीप को दो हिस्सों में बांटने का कारण बन सकती हैं. अगर इस प्रक्रिया की गति इसी तरह जारी रहती है, तो वैज्ञानिकों का मानना है कि अगले कई लाख वर्षों में यह दरार इतनी चौड़ी हो जाएगी कि एक नया महासागर अस्तित्व में आ सकता है. यह घटनाक्रम "रिफ्ट वैली" के रूप में जाना जाता है, और पृथ्वी के भूतत्व का यह बदलाव भविष्य में भूगोल को फिर से आकार दे सकता है.

अफ्रीका महाद्वीप का इकोसिस्टम बदल रहा

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि अफ्रीका के नीचे, अफ्रीकी और सोमाली प्लेटें 0.8 सेंटीमीटर प्रति वर्ष की दर से अलग हो रही हैं. यह धीमी लेकिन लगातार होने वाली शिफ्ट पूर्वी अफ्रीका को दो हिस्सों में चीर रही है. वैज्ञानिकों का मानना है कि एक नए महासागर के निर्माण से अफ्रीका का नक्शा फिर से तैयार होगा. अफ्रीका महाद्वीप का इकोसिस्टम हमेशा के लिए बदल जाएगा. 

इसके अलावा, पृथ्वी के भीतर हो रहे अन्य बदलावों पर भी वैज्ञानिकों का ध्यान केंद्रित है. पृथ्वी की गहराइयों में हो रहे परिवर्तनों का अध्ययन न केवल हमें भूगर्भीय घटनाओं को समझने में मदद करता है, बल्कि यह भी जानकारी प्रदान करता है कि भविष्य में पृथ्वी का भूगोल किस प्रकार बदल सकता है. इन बदलावों का असर हमारे पर्यावरण, जलवायु और जीवन के अन्य पहलुओं पर भी पड़ सकता है.