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वीटो पावर बनने के लिए भारत को मिला इन देशों का साथ, एक ने तो तारीफ कर बांध दिया समां

India At UNSC: भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता की दावेदारी को मजबूती मिली है जब भूटान और पुर्तगाल ने इस समर्थन में आवाज उठाई. यह समर्थन अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा भारत की उम्मीदवारी के समर्थन के एक दिन बाद आया है. दोनों देशों की ओर से कहा गया कि यूएन की सरंचना अब पुरानी हो चुकी है, इसमें बदलाव की जरूरत है.

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Edited By: India Daily Live
 India At UNSC
Courtesy: Social Media

India At UNSC: भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने सुरक्षा परिषद को अतीत का अवशेष बताते हुए कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि और ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के चलते उसे स्थायी सीट का हकदार होना चाहिए। पुर्तगाली प्रधानमंत्री लुस मोंटेनेग्रो ने भी UNSC की संरचना को पुरानी बताते हुए सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और भारत तथा ब्राजील को स्थायी सदस्यता देने की बात की.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी को उस समय बल मिला जब भूटान और पुर्तगाल ने संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के दौरान भारत की स्थायी सदस्या का समर्थन किया.  यह अमेरिका , फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा भारत की यूएनएससी उम्मीदवारी का समर्थन करने के एक दिन बाद आया है.

पिछले कई सालों से भारत कई वैश्विक मंचों पर मांग करता रहा है कि उसे संयुक्त राष्ट्र की इस शक्तिशाली संस्था का स्थायी सदस्य बनाया जाए.  हालांकि, यूएनएससी में वीटो पावर रखने वाला चीन भारत के प्रयासों में रोड़ा अटकाता रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस और रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य हैं और किसी भी प्रस्ताव या निर्णय पर वीटो शक्तियां उनके पास हैं. 

भूटान ने की भारत की तारीफ

संयुक्त राष्ट्र निकाय में व्यापक सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने कहा कि सुरक्षा परिषद अब अतीत का अवशेष बन चुका है.  तोबगे ने कहा कि भारत अपनी महत्वपूर्ण आर्थिक वृद्धि और ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के साथ स्थायी सीट का हकदार है. उन्होंने  भूटान को अल्पविकसित देशों  (एलडीसी) की श्रेणी से बाहर निकालने के लिए भारत का आभार जताया. टोबगे ने अपने संबोधन में कहा कि संयुक्त राष्ट्र को आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप विकसित होना चाहिए. सुरक्षा परिषद, जैसा कि वर्तमान में है वह अतीत का अवशेष है.  हमें एक ऐसी परिषद की आवश्यकता है जो वर्तमान भू-राजनीतिक, आर्थिक परिदृश्य और सामाजिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करे.

पुर्तगाल का भी मिला साथ 

पुर्तगाली प्रधानमंत्री लुस मोंटेनेग्रो ने इस बात पर जोर देते हुए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की संरचना पुरानी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि अधिक प्रतिनिधित्व और प्रभावशीलता सुनिश्चित करने के लिए निकाय में सुधार की आवश्यकता है.  मोंटेनेग्रो ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए सुधार प्रक्रिया का समर्थन करते हैं. इसकी संरचना पुरानी हो चुकी है और कुछ क्षेत्रों की अनुपस्थिति इसके कामकाज में बाधा उत्पन्न करती है.  उन्होंने कहा कि सुधारों में प्रतिनिधित्व का विस्तार करना भी शामिल होना चाहिए.  इसके अलावा उन्होंने ब्राजील और भारत जैसे देशों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में मान्यता देने की वकालत की.