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India Daily

सीरिया में फंसे भारतीय नागरिकों के साथ भारत सरकार, लेबनान के रास्ते 75 लोगों की हो रही वतन वापसी

सीरिया में विद्रोहियों ने बशर अल-असद सरकार को सत्ता से उखार फेंका, जिसके बाद पूरे देश पर उनका कब्जा है. रविवार को 55 सालों से चल रही अल-असद परिवार की सरकार गिर गई. हालांकि इसी बीच भारत सरकार ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर एक्शन लिया है.

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Edited By: Shanu Sharma
Indians in Syria
Courtesy: Social Media

Indians in Syria: सीरिया में 13 सालों से चल रहा विद्रोह रविवार को अपने अंतिम कगार पर पहुंच गया. इस दौरान विद्रोहियों ने बशर अल-असद सरकार को सत्ता से उखार फेंका और सीरिया की राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया. जिसके कारण पूरे देश में अराजकता का माहौल देखने को मिला. सीरिया में चल रहे इस विद्रोह के माहौल में कई विदेशी नागरिक भी फंस गए.हालांकि भारत सरकार ने अपने नागरिकों को वहां से बाहर निकाल लिया है.

विद्रोही बलों द्वारा राष्ट्रपति बशर असद की सत्तावादी सरकार को उखाड़ फेंकने के दो दिन बाद भारत सरकार ने मंगलवार को सीरिया से 75 भारतीय नागरिकों को निकाला. इस बात की जानकारी विदेश मंत्रालय की ओर से दी गई हैं. हालांकि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब देश की सरकार अपने नागरिकों की रक्षा के लिए विदेशों में भी खड़ी रही हो. इससे पहले भी कई बार भारत सरकार ने अपने देश के नागरिकों को दूसरे देशों में बचाया  है. 

कहां आएंगे भारतीय लोग

भारतीय नागरिकों को सीरिया से निकालने की जानकारी देते हुए विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि दमिश्क और बेरूत में भारत के दूतावासों द्वारा समन्वित निकासी को सुरक्षा स्थिति के आकलन के बाद लागू किया गया. देर रात जारी बयान में कहा गया विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत सरकार ने सीरिया में हाल ही में हुए घटनाक्रमों के बाद आज वहां से 75 भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है. निकाले गए लोगों में जम्मू-कश्मीर के 44 'ज़ायरीन' शामिल थे. जो सईदा ज़ैनब में फंसे हुए थे. सभी भारतीय नागरिक सुरक्षित रूप से लेबनान पहुँच गए हैं और वे उपलब्ध वाणिज्यिक उड़ानों से भारत लौटेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार विदेश में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. सीरिया में बचे हुए भारतीय नागरिकों को दमिश्क में भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है. मंत्रालय की ओर से कहा गया कि  सरकार स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रही है. 

कहां है बशर अल असद?

बशर अल-असद सरकार के खिलाफ 2011 से ही देश में विद्रोह जारी था. देश के कई हिस्सों में विद्रोहियों ने पहले ही कब्जा कर लिया था. जिसके बाद रविवार को राजधानी दमिश्क पर कब्ज़ा कर लिया. विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) द्वारा दमिश्क पर कब्ज़ा करने के बाद असद देश छोड़कर भाग गए. इसी के साथ उनके परिवार के 50 साल के शासन का अंत हो गया. हालांकि बशर अल-असद और उनके परिवार को लेकर रूसी सरकारी मीडिया ने बताया कि असद मॉस्को में हैं और उन्हें शरण दी जाएगी. उनके लगभग 14 साल के कार्यकाल में गृहयुद्ध, रक्तपात और उनके राजनीतिक विरोधियों पर क्रूर कार्रवाई की गई. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि वह सीरिया में हो रहे घटनाक्रम पर नज़र रख रहा है और उस देश में शांतिपूर्ण और समावेशी सीरियाई नेतृत्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की वकालत करता है.