menu-icon
India Daily

भारत मिडिल-ईस्ट कॉरिडोर होगा, चीन के BRI प्रोजेक्ट का जवाब! इजरायल ने बताई इतिहास की सबसे बड़ी परियोजना

भारत-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर ( आईएमईसी) पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रतिक्रिया दी है. बेंजामिन ने इस प्रोजेक्ट को इतिहास की सबसे बड़ी परियोजना करार दिया है.

auth-image
Edited By: Shubhank Agnihotri
भारत मिडिल-ईस्ट कॉरिडोर होगा, चीन के BRI प्रोजेक्ट का जवाब! इजरायल ने बताई इतिहास की सबसे बड़ी परियोजना


नई दिल्लीः भारत-मिडिल ईस्ट कॉरिडोर ( आईएमईसी)  पर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रतिक्रिया दी है. बेंजामिन ने इस प्रोजेक्ट को इतिहास की सबसे बड़ी परियोजना करार दिया है. उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट इजरायल के लोगों के लिए एक बड़ी घटना है. बेंजामिन की मानें तो यह आर्थिक गलियारा केवल मध्य पूर्वी देशों को ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को बदलने वाला होगा. इस प्रोजेक्ट को चीन के बेल्ट एंड रोट इनीशिएटिव (BRI) प्रोजेक्ट के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.चीन ने इसके माध्यम से छोटे देशों को कर्ज के जाल में फंसाया है और उनसे मनमाने समझौते किए हैं.

समूचे विश्व का बदल देगी चेहरा
बेंजामिन ने शनिवार की रात को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह परियोजना इजरायल के लोगों के लिए अभूतपूर्व साबित होगी. इसका बुनियादी ढांचा एशिया से लेकर समूचे यूरोप को जोड़ेगा. मैं भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, यूरोपीयन यूनियन की ओर से जारी किए गए बयानों का स्वागत करता हूं. आपको बता दें कि नेतन्याहू का जवाब ऐसे समय आया है जब इजरायली जनता इनके न्यायिक सुधार बिलों के खिलाफ सड़कों पर है. बेंजामिन ने कहा कि यह परियोजना समूचे विश्व का चेहरा बदल देगी.


चीन को मिलेगा जवाब 
बेंजामिन ने कहा कि यह आर्थिक गलियारा भारत से शुरु होकर यूरोप तक पहुंचेगा. उससे पहले यह यूएई, जॉर्डन, सऊदी अरब, इजरायल जैसे देशों से होकर गुजरेगी. इस परियोजना को चीन के BRI प्रोजेक्ट के तौर पर देखा जा रहा है. बीआरआई चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है. चीन का यह प्रोजेक्ट अपनी कर्ज नीति के कारण विवादों के केंद्र में रहा है. 2013 में जिनपिंग ने चीन को जमीन और सागर नेटवर्क के जरिए दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी , अफ्रीकी देशों और यूरोप से जोड़ने के लिए अपने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लॉन्च किया था.


सभी देशों को होगा पारस्परिक लाभ
बेंजामिन ने कहा कि यह परियोजना कई चरणों में पूरी होगी. जिससे इसके रास्ते में पड़ने वाले मार्ग में सभी देशों को लाभ होगा. उन्होंने इस परियोजना को इजरायल, सऊदी अरब, यूएई, भारत के लिए नए प्रवेश द्वार के तौर पर इंगित किया है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को भी इस परियोजना के लिए धन्यवाद कहा है. उन्होंने बताया कि कई महीनों पहले इस प्रोजेक्ट के लिए अमेरिका ने इजरायल से संपर्क साधा था. इस परियोजना के ऐलान होने तक इजरायल ने अमेरिका के साथ राजनियक संपर्क लगातार बनाए रखा.

 

यह भी पढ़ेंः अफगानिस्तान में पाक करेंसी पर लग सकता है प्रतिबंध! केंद्रीय बैंक ने जारी किया आदेश