China News: साउथ चाइना सी में अपनी दादागीरी दिखाकर दुनिया को तंग करने वाले चीन को सबक सिखाने के लिए कई देशों ने अपनी कमर कस ली है. दक्षिण चीन सागर में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलिपींस का समूह यह नौसैन्य अभ्यास कर रहा है. इस अभ्यास में नेवी फाइटर जेट, क्रूज, और युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं. अमेरिका के नेतृ्त्व में यह अभ्यास बीते चार दिनों से जारी है. चीन ने भी इन देशों को डराने के लिए समुद्र और हवाई गश्ती शुरु की है.
बीते काफी समय से इस इलाके में चीन और फिलिपींस के बीच तनाव बना हुआ है. बीजिंग लगातार फिलिपींस को डरा-धमका रहा है. इस दौरान चीन ने अपना बयान जारी करके कहा कि संयुक्त युद्धाभ्यास का मतलब क्षेत्र में हालात को और खराब करना है. वहीं, अमेरिकी नेतृ्त्व वाले देशों ने कहा है कि यह पहली बार है जब चारों देश सामूहिक सुरक्षा को ध्यान रखते हुए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक साथ इकट्ठे हुए हैं ताकि हिंद प्रशांत क्षेत्र को खुला और समावेशी क्षेत्र बनाया जा सके.
फिलिपींस के रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में बताया कि इस नौसैन्य युद्धाभ्यास में पांच युद्धपोत हिस्सा ले रहे हैं. युद्धाभ्यास में एंटी सबमरीन ट्रेनिंग, रणनीतिक युद्धाभ्यास और लिंक वॉर से जुड़ी गतिविधियां होंगी. रिपोर्ट के अनुसार, चारों देशों द्वारा युद्धाभ्यास ऐसे समय किया जा रहा है जब साउथ चाइना सी में तनाव चरम स्तर पर है. फिलिपींस ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सागर में उसके आपूर्ति मिशन को बाधित कर रहा है. फिलिपींस ने दावा किया कि नेवी शिप को भेजे जा रहे सप्लाइ मिशन पर बीजिंग अपना अड़ंगा लगा रहा है. यह शिप सेकंड थॉमस शोआल आइलैंड पर जानबूझकर रोका हुआ है.
चीन ने फिलिपींस के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि उसके जहाज अवैध तरीके से चीनी इलाके में प्रवेश कर गए हैं. दक्षिण चीन सागर के स्वामित्व के सवाल पर चीन और फिलिपींस के बीच विवाद काफी समय से चल रहा है जो बीते कुछ दिनों में काफी ज्यादा बढ़ गया है. बीजिंग पूरे इलाके पर अपना दावा करने लगा है. दक्षिण चीन सागर का इलाका रणनीतिक और व्यापारिक लिहाज से खासी अहमियत रखता है. इसलिए अब यह चारों देश मिलकर ड्रैगन पर नकेल कसने की कोशिश कर रहे हैं.