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India Daily

Bangladesh violence: बांग्लादेशी नेता का भारत में बनी चादरें जलाने का वीडियो वायरल, 'इंडिया बॉयकॉट' मिशन किया शुरू

भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में इस समय तनाव बढ़ता जा रहा है. दोनों देशों में होने वाले विरोध प्रदर्शनों और बहिष्कार अभियानों के बीच, उम्मीद की जाती है कि भविष्य में राजनयिक प्रयासों से इस विवाद को हल किया जाएगा.

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Edited By: Mayank Tiwari
बांग्लादेश में जलाई गई भारतीय साड़ी
Courtesy: X@basherkella

Bangladesh violence: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के बढ़ते मामलों के बीच एक विवादित घटना सामने आई है. इस बीच बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी के एक वरिष्ठ नेता ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रतीकात्मक विरोध स्वरूप सार्वजनिक रूप से भारत निर्मित चादरें जलाईं. यह घटना मंगलवार को राजशाही शहर में 'भारतीय उत्पादों का बहिष्कार' कार्यक्रम के दौरान हुई.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीएनपी पार्टी के नेता रूहुल कबीर रिजवी ने मंगलवार को राजशाही शहर में 'भारतीय उत्पादों का बहिष्कार' कार्यक्रम के दौरान राजस्थान के जयपुर में निर्मित चादर को आग लगा दी. इस दौरान बीएनपी नेता ने छपी हुई चादर को दिखाया और कहा, "यह चादर भारत के राजस्थान की राजधानी जयपुर से है. इसलिए हम भारतीय आक्रमण के खिलाफ विरोध जताने के लिए ऐसा कर रहे हैं. इसके बाद बीएनपी कार्यकर्ताओं ने चादर पर मिट्टी का तेल छिड़का और उसे आग लगा दी. वे चादर को रौंदते भी दिखे, जबकि भीड़ बांग्लादेश के समर्थन और भारत विरोधी नारे लगा रही थी.

भारतीय उत्पादों का बहिष्कार जारी

रिजवी ने अपदस्थ बांग्लादेशी प्रधानमंत्री का जिक्र करते हुए कहा, "हम भारतीय उत्पादों का बहिष्कार कर रहे हैं, क्योंकि वे इस देश के लोगों के लिए उपयुक्त नहीं हैं. उनकी दोस्ती केवल शेख हसीना से है. यह पहली बार नहीं है जब रिजवी ने भारतीय उत्पादों का बहिष्कार किया है. पिछले हफ़्ते उन्होंने भारत में बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के विरोध में अपनी पत्नी की भारत निर्मित साड़ी को आग के हवाले कर दिया था.

भारत में भी हुआ विरोध

यह घटनाएं उस समय घटित हो रही हैं जब भारत में भी बांगलादेश निर्मित ढाकाई जामदानी साड़ियों को जलाया गया. कोलकाता के साल्टलेक क्षेत्र में बंगाली हिंदू सुरक्षा समिति द्वारा आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में बांगलादेश में हिंदू समुदाय पर अत्याचारों की निंदा की गई और बांगलादेशी उत्पादों का बहिष्कार करने का आह्वान किया गया.