Bangladesh Boycott India Campaign: बांग्लादेश के बाजार इन दिनों भारत विरोधी बयानबाजी से गर्म हैं. देश के दो प्रमुख राजनीतिक दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) और अवामी लीग एक दूसरे पर हमलावर हैं. इसकी शुरुआत जनवरी माह में हुए आम चुनावों से हुई थी. इसमें शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की. विपक्ष ने भारत के हस्तक्षेप का आरोप लगाकर चुनाव का बहिष्कार किया था. तब से यह मुद्दा ढाका की राजनीति के केंद्र में बना हुआ है और धीरे-धीरे इसने इंडिया आउट कैंपेन का रुप ले लिया. शेख हसीना का आरोप है कि इस अभियान को विपक्षी पार्टी हवा दे रही है और भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.
हसीना ने बीते हफ्ते 26 मार्च को बांग्लादेशी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर विपक्षी पार्टी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सबसे पहले विपक्षी दलों के नेता अपने घर में रखी भारतीय साड़ियों को जला दें उसके बाद भारत के खिलाफ बात करें. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अधिकांश रसोई में रखा सामान भारतीय है.
स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम के मौके पर उन्होंने विपक्ष से पूछा कि इंडिया आउट की बात करने वाले नेता यह बताएं कि उनकी पत्नियों के पास कितनी भारतीय साड़ियां मौजूद हैं? हसीना ने कहा कि जब वे इन साड़ियों को अपने ऑफिस परिसरों के बाहर जलाएंगे तब माना जाएगा कि वह वाकई में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार को लेकर प्रतिबद्ध है. कुछ दिन पहले ही बीएनपी के एक नेता ने मीडिया के सामने कश्मीरी साल फेंकते हुए कहा था कि वह ऐसा एकता दिखाने के लिए कर रहे हैं.
बांग्लादेशी मामलों की जानकारी रखने वाले विशेषज्ञों ने कहा कि बीएनपी को भारत विरोध की सह मालदीव की रुलिंग पार्टी से मिलती है जिसकी कमान प्रेसिडेंट मुइज्जू संभाल रहे हैं. मालदीव ने पिछले साल अपने देश में इंडिया आउट कैंपेन शुरु किया था. इस कैंपेन को चीनी समर्थन हासिल था. बीएनपी पार्टी ठीक वैसे ही काम कर रही है जैसे मालदीव की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस कर रही थी. बीएनपी की सोशल मीडिया विंग नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रही है कि बांग्लादेश में स्वतंत्र चुनावों को भारत ने बाधित कर दिया था.