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'डरने की जरूरत नहीं है...' बांग्लादेश ने भारत के लिए क्यों कही ये बात, जानें विदेश मंत्री का बयान

बांग्लादेश में आम चुनावों को लेकर दुनिया भर में चल रही चर्चाओं को विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमन ने सिरे से खारिज किया. भारत-मालदीव से लेकर आतंकवाद तक के मुद्दे पर अपनी राय रखी.

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Edited By: Naresh Chaudhary
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हाइलाइट्स

  • मालदीव-भारत विवाद और बांग्लादेश-चीन की 'दोस्ती' पर बोले एके अब्दुल मोमन

Bangladesh Elections Results: भारत के पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश में हाल ही में आम चुनाव संपन्न हुए हैं. चुनावों में सत्तारूढ़ आवामी लीग पार्टी को भारी जीत मिली है, जिसके बाद शेख हसीना को लगातार चौथी बार देश की सत्ता मिली है. अपनी चुनावी जीत के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को याद किया है और 'एक भरोसेमंद दोस्त' होने का श्रेय दिया है.

इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्यू में बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमम ने कई मुद्दों पर बात की. इनमें हालिया चुनावों के भारत-बांग्लादेश संबंधों, चीन के साथ संबंधों और भारत-मालदीव के बीच मौजूदा राजनयिक टकराव पर पड़ने वाले प्रभाव का मुद्दा शामिल रहा. 

विपक्षी दलों के चुनाव बहिष्कार और पूरी चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. इस पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने कहा कि यह बांग्लादेश का सबसे स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और अहिंसक चुनाव था. विपक्षी और छोटे दलों के बहिष्कार के बावजूद लोगों ने सामूहिक रूप से मतदान किया. इससे पता चलता है कि लोगों ने फिर से दिखा दिया है कि उन्हें वोट देने का अधिकार है और सरकार बदलने के लिए यही एकमात्र रास्ता है.

राजनीति में हिंसा और देश में आतंकवाद की कोई जगह नहीं

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की पूर्वधारणाएं होती हैं. चुनाव से पहले कुछ हिंसा हुई थी. हमने भी इसकी निंदा की और हमारी पुलिस ने पूरी तरह से इसकी निगरानी की. उन्होंने कहा कि आजकल तो आपके पास सीसीटीवी कैमरे हैं. वे वास्तविक अपराधियों की पहचान आसानी से कर सकते हैं. राजनीति में हिंसा और आतंकवादियों के लिए कोई जगह नहीं है. आतंकवादियों को किसी के द्वारा प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए. 

चुनाव प्रक्रिया को लेकर पश्चिमी देशों की आलोचकों पर भी विदेश मंत्री ने अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बहुत स्थिर है. आपने चुनाव देखा है, जहां 120 मिलियन मतदाताओं ने मतदान किया. यह एक प्रतिस्पर्धी चुनाव था. बांग्लादेश में लोकतंत्र काम कर रहा है और हम दुनिया में लोकतंत्र के अग्रदूतों में से एक हैं. हमने स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और विश्वसनीय चुनाव का उदाहरण पेश किया है.

भारत ने हमारी आजादी के लिए अपना खून बहाया, जो ऐतिहासिक है

वहां भारत-बांग्लादेश संबंधों को आगे बढ़ाने की बात पर बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमम ने कहा कि हमारा रिश्ता पहले से ही बहुत मजबूत है. यह आज की बात नहीं है. हमारे जन्म के समय, स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत ही हमारा सबसे बड़ा मददगार था. उन्होंने आजादी के लिए हमारी तरह खून बहाया. 

हाल के वर्षों में हमारी प्रधान मंत्री शेख हसीना और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने बहुत अच्छा तालमेल और संबंध विकसित किया है. पीएम मोदी ने इसे स्वर्णिम अध्याय बताया है और हम इस पर आगे बढ़ना चाहते हैं. हमने एक रणनीतिक साझेदारी विकसित की है, इसलिए हम भारत, बांग्लादेश और अन्य सभी पड़ोसियों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ेंगे.

मालदीव-भारत विवाद और बांग्लादेश-चीन की 'दोस्ती' पर बोले एके अब्दुल मोमन

भारत और मालदीव के बीच टकराव की स्थिति पर डॉ. एके अब्दुल मोमम ने कहा कि हमारे समाज में, मूल्य निर्धारण में, हम आम तौर पर दूसरों का सम्मान करते हैं और आप जानते हैं, कोई भी काल्पनिक टिप्पणी करने से पहले हम नेताओं से इसकी अपेक्षा करते हैं. इसलिए हमारा मानना ​​है कि हमें पद और प्रतिष्ठा का सम्मान करना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में चीन का बहुत ज्यादा प्रभाव वाली गलत है. चीन एक विकास भागीदार है. वे हमारी कुछ परियोजनाओं में मदद कर रहा हैं. अगर आप देखें कि हमें चीन से कितना पैसा मिला है, तो यह जीडीपी के 1 फीसदी से भी कम है. 

उनहोंने कहा कि प्रचार किया जाता है कि बांग्लादेश भी चीन का कर्जदार होता जा रहा है. एक देश दूसरे देश के कर्ज में डूबा हो सकता है यदि उसकी विदेशी उधारी 55 प्रतिशत से ज्यादा हो. हमारी कुल उधारी सिर्फ 13.6 फीसदी है. इसलिए भारत में डर वास्तविक नहीं है. चीन सिर्फ एक मित्र और विकास भागीदार है.