पाकिस्तान की गलतियां माफ करेगा बांग्लादेश, हिंदुस्तान से शेख हसीना पर रार, एशिया में क्या होने वाला है खेला?
Bangladesh Crisis: बांग्लादेश अब पाकिस्तान के साथ सुलह करने की स्थिति में आ गया है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पाकिस्तान के साथ 1971 में हुए बुरे अनुभवों को भूलने के लिए तैयार है. पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश, लोकतांत्रिक संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है. पाकिस्तान के अतंरिम सूचना प्रसारण मंत्री नाहिद इस्लाम ने बड़ा खुलासा किया है.
Bangladesh relations with Pakistan: बांग्लादेश के सूचना प्रसारण मंत्री नाहिद इस्लाम ने कहा है कि उनकी सरकार पाकिस्तान के साथ बेहतर संबंध चाहती है. ढाका मेंपाकिस्तानी राजदूत के साथ नाहिद इस्लाम ने बैठक की और कहा है कि पाकिस्तान के साथ 1971 के मुक्ति संग्राम के मुद्दे को सुलझाना चाहता है.दोनों देश, अब सुरक्षित भविष्य बनाने के लिए एकसाथ आने को तैयार हो गए हैं. बांग्लादेश का कहना है कि लोकतांत्रिक दक्षिण एशिया के लिए दोनों देशों के बीच संबंधों का मजबूत होना अनिवार्य है.
शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्ते खराब थे. शेख हसीना का झुकाव भारत की ओर था. साल 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान ने जमात-ए-इस्लामी के नेताओं पर युद्ध अपराधों के आरोप लगाए थे. जब शेख हसीना की सरकार गई तो अब एशिया में नई-नई दोस्ती चर्चा में है. नाहिद इस्लाम का यह बयान साफ इशारा कर रहा है कि भारत से ज्यादा, अब बांग्लादेश, पाकिस्तान को प्राथमिकता देगा.
बांग्लादेश में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सैयद अहमद मारूफ और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ कई दौर की बैठकें हुई हैं, जिसके बाद अब यह आधिकारिक बयान सामने आया है. बांग्लादेश के प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान के 1971 से जुड़े सवालों को सुलझाना चाहता है. सैयद मारूफ का कहना है कि शेख हसीना की सरकार ने इसे सुलझाने का मौका ही नहीं दिया था, अब इसे सुलझाया जाएगा. नाहिद ने कहा कि आवामी लीग के मुताबिक 1971 'इतिहास का अंतिम अध्याय' था.
क्यों हो रही है पाकिस्तान-बांग्लादेश में दोस्ती?
साल 1971 के मुक्ति संग्राम के बाद ही पाकिस्तान से बांग्लादेश को आजादी मिली. पाकिस्तान के दमनकारी शासन से बांग्ला भाषियों ने आजादी हासिल की. इस जंग में लाखों लोग मारे घए. बांग्लादेश ने पाकिस्तानियों से माफी मांग ली है. नाहिद इस्लाम ने कहा है कि अब बांग्लादेश, पाकिस्तान के साथ साल 1971 के मुद्दों को सुलझाना चाहता है. लोकतांत्रिक दक्षिण एशिया के लिए यह जरूरी है.
नई दोस्ती, भारत के लिए खतरा तो नहीं?
बांग्लादेश बार-बार शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की मांग कर रहा है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कहना है कि शेख हसीना अपराधी हैं, उन्हें सौंप दिया जाए. बांग्लादेश में शेख हसीना के साथ कुछ भी हो सकता है. वहां की क्रांतियां, शेख हसीना के परिवार के लिए जानलेवा साबित हुई हैं. शेख मुजीबुर्रहमान की हत्या की हो या 5 अगस्त का सारा घटनाक्रम, इस ओर साफ इशारा करते हैं कि वहां हालात कैसे हैं.
शेख हसीना 5 अगस्त को बांग्लादेश से भागकर भारत आ गई थीं. उनके जाने के 3 दिन बाद ही वहां की अंतरिम सरकार ने सत्ता संभाल ली थी. अंतरिम सरकार के प्रतिनिधि दुनियाभर के नेताओं से मिल रहे हैं. अब बांग्लादेश को भारत से ज्यादा पाकिस्तान से दोस्ती रास आ रही है. भले ही बांग्लादेशी मंत्री के सामने पाकिस्तानी राजदूत ने आरोप लगाए हों कि बांग्लादेशी उनके साथ मुद्दे सुलझाना नहीं चाहते हैं लेकिन अब दोनों देशों का करीब आना, भारत के लिए किसी बड़े खतरे का संकेत भी हो सकता है.