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India Daily

Bangladesh में कब होंगे चुनाव, मोहम्मद यूनुस का बड़ा ऐलान, आप भी जान लीजिए

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी को आश्वासन दिया कि उनकी अंतरिम सरकार दिसंबर तक आम चुनाव कराने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के शीर्ष नेता ने दी. बीएनपी महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने अंतरिम सरकार प्रमुख के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से कहा, ‘‘उन्होंने (यूनुस) हमें बताया कि वह दिसंबर तक चुनाव कराने के लिए काम कर रहे हैं.’’

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Edited By: Anvi Shukla
Bangladesh Chief Advisor Yunus
Courtesy: pinterest

बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार एच. एम. यूनुस ने बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) को यह स्पष्ट आश्वासन दिया है कि देश में आगामी आम चुनाव दिसंबर 2025 तक आयोजित किए जाएंगे. उनका यह बयान बीएनपी द्वारा चुनावी प्रक्रिया के संबंध में उठाए गए सवालों और चिंताओं के मद्देनजर आया है. 

बीएनपी का चुनावी दबाव: बीएनपी, जो विपक्षी दल है, लगातार इस बात को लेकर दबाव बना रहा था कि बांग्लादेश में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं. पार्टी का आरोप था कि वर्तमान सरकार चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रही है और यह लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकता है. बीएनपी ने चुनाव आयोग से यह सुनिश्चित करने की अपील की थी कि चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से आयोजित किए जाएं. 

यूनुस का बयान और सरकार की प्रतिबद्धता: 
मुख्य सलाहकार यूनुस ने बीएनपी के नेताओं को जवाब देते हुए कहा, "हम चुनाव कराने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और यह दिसंबर 2025 तक किया जाएगा." उनका यह बयान विपक्षी दलों की बढ़ती चिंताओं को शांत करने का प्रयास था. यूनुस ने यह भी कहा कि सरकार पूरी तरह से चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है. 

चुनाव की तैयारी और विपक्ष का विरोध:  
हालांकि, बीएनपी का कहना है कि सरकार द्वारा किए गए चुनावी सुधारों के बावजूद, इस प्रक्रिया में स्वतंत्रता की कमी महसूस हो रही है. विपक्षी दलों का मानना है कि जब तक चुनाव आयोग और सुरक्षा बलों का नियंत्रण सरकार के हाथों में रहेगा, तब तक चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकते. 

इस मामले पर बांग्लादेश की राजनीति में घमासान जारी है. बीएनपी की चिंताओं के बावजूद, सरकार ने चुनावी प्रक्रिया के समय पर आयोजन का भरोसा दिलाया है. यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में यह विवाद कैसे सुलझता है और बांग्लादेश में चुनावी माहौल क्या रूप लेता है.