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कभी कूड़ा-करकट, कभी लाउडस्पीकर, आखिर गुब्बारों से क्या खेल कर रहा नॉर्थ कोरिया? समझिए पूरी कहानी

North Korea Balloon War: कोरियाई प्रायद्वीप के देशों दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के बीच दशकों पुराना ऐतिहासिक संघर्ष जग-जाहिर है. इस बीच उत्तर कोरिया ने संघर्ष के एक नए प्रकार की शुरुआत की है, जिसे बैलून वॉर कहा जा रहा है. हालांकि दोनों देशों के लिए बैलून वॉर कोई नई बात नहीं है लेकिन लंबे अरसे के बाद इसकी शुरुआत ने दोनों देशों के मध्य तनाव को और गहरा कर दिया है.

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Shubhank Agnihotri
 North Korea Balloon War
Courtesy: Social Media

North Korea Balloon War:  जब हम गुब्बारे देखते हैं तो हम अक्सर जन्मदिन, शादी की पार्टी और भव्य समारोहों के बारे में सोचते हैं.  हालाँकि दुनिया के कुछ हिस्सों में गुब्बारे कहीं गंभीर उद्देश्य को पूरा करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं. वर्तमान समय में गुब्बारे मनोवैज्ञानिक और भू राजनीतिक संदेश देने के पावरफुल टूल बन गए हैं. गुब्बारों का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में हथियारों के रूप में किया जा रहा है. इस कारण वैश्विक राजनीति की दिशा और दशा दोनों परिवर्तित हो रही है. देशों के मध्य तनाव बढ़ रहा है. उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच फिलहाल यही हो रहा है. दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक तनातनी के बीच गुब्बारे शक्ति प्रदर्शन का नया साधन बन गए हैं. कोरियाई प्रायद्वीप में फिर से एक नया बैलून वॉर छिड़ गया है. 

उत्तर कोरिया ने हाल के कुछ दिनों में कूड़े, कचरे, फटे कपड़े और मल वाले सैकड़ों गुब्बारे दक्षिण कोरिया की ओर छोड़े हैं. इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच पिछले छह दशकों से ज्यादा समय से जारी प्रोपेगैंडा वार की यादें ताजा हो गई हैं. दक्षिण कोरियाई प्रशासन ने अपने नागरिकों को इनसे दूर रहने की सलाह दी है. यह सब तब हो रहा है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हाल ही में उत्तर कोरिया की यात्रा से लौटे हैं. दक्षिण कोरिया ने भी जवाब देने के लिए अपनी सीमाओं पर बड़े-बड़े लाउडस्पीकर लगाए हैं. 

कब हुई हालिया गुब्बारा युद्ध की शुरुआत 

हालांकि यह तनाव अचानक से शुरु नहीं हुआ. दक्षिण कोरिया में मौजूद फाइटर्स फॉर फ्री नॉर्थ कोरिया संगठन  के कार्यकर्ताओं ने इस तनाव को बढ़ाने की शुरुआत की है. इन कार्यकर्ताओं ने उत्तर कोरियाई शासन की आलोचना करने वाले पर्चे और दक्षिण कोरियाई कल्चर की किताबों वाले गुब्बारे भेजे. इन गुब्बारों में यूएसबी पिन थी जिसमें साउथ कोरियाई गाने और फिल्में थीं. यह सब नॉर्थ कोरिया में बैन हैं. इन गुब्बारों में सुप्रीम लीडर किम जोंग उन की आलोचना वाले पर्चे भी शामिल थे. बैलून वॉर दोनों देशों के मध्य कोई नई बात नहीं है लेकिन हालिया संघर्ष शुरु करने का यह प्रमुख मुद्दा जरूर बन गया है. 

दक्षिण कोरिया ने कैसे दिया जवाब? 

दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरियाई सरकार के इस बैलून वॉर का जवाब देने के लिए साल 2018 का सैन्य समझौता तोड़ दिया. यह समझौता नॉर्थ कोरिया के साथ संधि की कोशिश स्थापित करने के तहत किया गया था. साउथ कोरिया ने अपनी सीमाओं पर उत्तर कोरियाई सरकार की आलोचना करने वाली खबरों और सूचनाओं के साथ लाउडस्पीकर प्रसारण फिर से शुरू कर दिया. दक्षिण कोरिया ने साल 2018 के बाद पहली बार इस तरह जवाब दिया. 

दक्षिण कोरिया ने तैनात की सेना

उत्तर कोरिया की ओर से भेजे गए गुब्बारों बाजारों, दफ्तरों, कॉलोनियों के आस-पास गिराए जा रहे हैं. इन्हें देखने के बाद दक्षिण कोरियाई नागरिक डरे हुए हैं. नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साउथ कोरिया ने सेना को तैनात किया है. सरकार ने लोगों से ऐसी चीजों से दूर रहने का भी आग्रह किया है. दक्षिण कोरियाई सेना ने अपने लोगों से कहा है कि इस तरह की चीजों के दिखाई देने पर तुरंत अपने समीप के सैन्य बेस को जानकारी दें. दक्षिण कोरिया ने बैलून वॉर को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार दिया है. 

पर्यावरणीय नुकसान का खतरा 

बैलून वॉर अपने आप में विशेष रूप से खतरनाक नहीं है (कचरे के पर्यावरणीय प्रभाव को छोड़कर) लेकिन यह दोनों कोरियाई देशों के बीच नाजुक संबंधों और गंभीर संघर्ष की आशंका को उजागर कर रहा है. भू राजनीतिक मामलों के जानकारों के मुताबिक, यह बैलून वॉर दोनों कोरियाई देशों के बीच मनोवैज्ञानिक युद्ध के लंबे इतिहास का हिस्सा है. 

बैलून वॉर आखिर क्यों? 

चूंकि गुब्बारे सस्ते होते हैं. इसमें जान-माल के हानि का डर नहीं होता. इसे बिना किसी सपोर्ट के दूर तक भेजा जा सकता है. कोरियाई देशों के बीच गुब्बारा युद्ध लंबे इतिहास का हिस्सा रहा है. कोरियाई युद्ध ( 1950-53 ) के दौरान गुब्बारा युद्ध की शुरुआत हुई, इसका इस्तेमाल मनोवैज्ञानिक दबाव और प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ किया. इन गुब्बारों में दोनों देशों की ओर से पर्चियां बांधकर भेजी गईं. इनमें हथियार डालने और युद्ध रोकने और नागरिकों को लुभाने वाली बातें लिखी गई थीं. इन पर्चियों के माध्यम से एक दूसरे के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया जाने लगा. गुब्बारों की मदद से दोनों कोरियाई देशों ने अपना खूब प्रचार-प्रसार किया.