भारत में तबाही ला सकती है अंतरिक्ष से आ रही ये आफत! NSA की चेतावनी से चीन-पाकिस्तान के भी उड़ाए हो

नासा ने 90 मीटर चौड़े एस्टेरॉयड 2024 YR4 के पृथ्वी से टकराने की संभावना व्यक्त की है. यदि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी पर गिरता है, तो इसके प्रभाव से भारत, चीन, अफ्रीका या दक्षिण अमेरिका के किसी क्षेत्र में भारी तबाही मच सकती है, जो 500 परमाणु बमों के बराबर होगा.

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NASA Warning on Asteroid 2024 YR4: धरती की ओर एक विशालकाय उल्कापिंड (एस्टेरॉयड) तेजी से बढ़ रहा है, जिससे पूरी दुनिया के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है. यह एस्टेरॉयड 60 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है और यदि यह टकराया तो 500 परमाणु बम के बराबर तबाही मचा सकता है. नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने इसे सबसे खतरनाक एस्टेरॉयड की सूची में रखा है.

2032 में पृथ्वी से टकराने की संभावना

आपको बता दें कि नासा द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, यह एस्टेरॉयड 2024 YR4 पृथ्वी से 22 दिसंबर 2032 को टकरा सकता है. इसका आकार 90 मीटर के करीब है, जो अमेरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के बराबर है. वैज्ञानिकों ने बताया कि इसका संभावित टकराव दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, उप-सहारा अफ्रीका और एशिया के कुछ हिस्सों में हो सकता है. खासतौर पर भारत का चेन्नई और चीन का हाईनान द्वीप इसके प्रभाव क्षेत्र में आ सकते हैं. नासा ने संभावना जताई है कि इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना 48 में 1 है, जो इसे एक गंभीर खतरा बनाता है.

500 परमाणु बम के बराबर होगा विस्फोट

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह एस्टेरॉयड पृथ्वी से टकराता है, तो यह 8 मेगाटन टीएनटी के बराबर ऊर्जा रिलीज करेगा, जो कि हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 500 गुना ज्यादा शक्तिशाली होगा. इस तरह के विस्फोट से पूरा शहर तबाह हो सकता है और इसका प्रभाव सैकड़ों किलोमीटर तक महसूस किया जाएगा.

किन देशों पर मंडरा रहा खतरा?

बता दें कि इस एस्टेरॉयड के संभावित टकराव क्षेत्र में कई देश शामिल हैं. इसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर जैसे देश सबसे अधिक जोखिम में हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि जहां यह उल्कापिंड गिरेगा, वहां विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है.

नासा और ESA की खास नजर

वहीं बताते चले कि नासा ने कैटालिना स्काई सर्वे प्रोजेक्ट के तहत इस एस्टेरॉयड की खोज की थी. अब वैज्ञानिक जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से इसका विस्तार से अध्ययन करेंगे. यह टेलीस्कोप इसके आकार, संरचना और संभावित कक्षा की सटीक जानकारी देगा, जिससे भविष्य में टकराव को रोकने के उपाय किए जा सकें.

इसके अलावा, एस्टेरॉयड 2024 YR4 पृथ्वी के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है. हालांकि, वैज्ञानिक अभी भी इसके सटीक पथ और टकराव की संभावना का अध्ययन कर रहे हैं. यदि यह किसी आबादी वाले क्षेत्र में गिरता है, तो तबाही मच सकती है. ऐसे में अंतरिक्ष एजेंसियां इसे रोकने के संभावित उपायों पर भी काम कर रही हैं.