Syrian Chemical Weapons: सीरिया में बशर अल-असद की सरकार को गिराए जाने के बाद देश में राजनीतिक भूचाल आ चुका है. विद्रोही संगठन हयात तहरीर अल-शाम के प्रमुख अबू मोहम्मद अल जोलानी को सीरिया का नया केयरटेकर प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. जोलानी तीन महीनों तक सत्ता संभालेंगे.
सत्ता में आते ही जोलानी ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया हैं. जो सीरिया के भविष्य को नई दिशा दे सकते हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार जोलानी ने बशर अल-असद की सेना को भंग कर दिया है और कई कुख्यात जेलों को बंद करने का आदेश दिया है.
जोलानी ने सीरिया की कई कुख्यात जेलों को बंद करने का फैसला लिया. इन जेलों में बशर अल-असद ने विद्रोहियों को बड़े पैमाने पर बंद कर रखा था. जेलों में बंद कैदियों को रिहा किया जा रहा है और कुछ वीडियो सामने आए हैं जिनमें इन जेलों की दयनीय स्थिति को साफ तौर पर देखा जा सकता है. ये कदम सीरिया में बदलाव के प्रतीक के तौर पर देखे जा रहे हैं जहां अब तक असद सरकार के तहत हिंसा और अत्याचार की कई कहानियां सामने आई थीं.
सीरिया में रासायनिक हथियारों के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर हमेशा से विवाद उठते रहे हैं. बशर अल-असद के शासन में इन हथियारों का उपयोग नागरिकों के खिलाफ किया गया था, जिसके लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने आलोचना की थी. अब जोलानी ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी परिस्थिति में इन रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेंगे. लेकिन इन हथियारों को अपने नियंत्रण में रखेंगे और इनकी सुरक्षा के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय करेंगे. जोलानी ने कहा कि हम संभावित केमिकल वेपन्स डिपो पर निगरानी रखेंगे और इन्हें सुरक्षित रखने के लिए वैश्विक साझेदारों से चर्चा करेंगे.
सीरिया में केमिकल हथियारों के उपयोग पर वैश्विक स्तर पर कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्टों में कहा गया है कि असद सरकार ने कई बार रासायनिक हमलों का इस्तेमाल किया है. हालांकि1925 के जेनेवा प्रोटोकॉल के तहत केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों के उपयोग पर प्रतिबंध है. जोलानी द्वारा सीरिया में केमिकल हथियारों की सुरक्षा के प्रति उठाए गए कदम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक अहम मुद्दा बने रहेंगे.