डिजिटल युग में मोबाइल ही सारी सुविधाएं दिलाता है. खाने से लेकर ट्रैवलिंग तक और बैंकिंग से लेकर डेटिंग तक. ऐसे में प्राइवेसी और डेटा सिक्योरिटी बेहद अहम हो जाती है. अगर इस जमाने में आपका डेटा लीक हो जाए तो कई सारे राज सामने आ सकते हैं. यही वजह है कि इस तरह की वेबसाइट और ऐप्स प्राइवेसी पॉलिसी रखते हैं और डेटा सुरक्षित रखने की कोशिश करते हैं. इसके बावजूद साल 2015 में एशले मैडिसन पर हुए साइबर अटैक ने लाखों लोगों की पोल खोलकर रख दी थी. इस साइबर अटैक के चलते लाखों लोगों को शर्मिंदा भी होना पड़ा था.
हाल ही में नेटफ्लिक्स ने 'एशले मैडिशन: सेक्स, लाइफ एंड स्कैंडल्स’ नाम से एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज की है. तीन एपिसोड की इस डाक्यूमेंट्री का निर्देशन टोबी पैटन ने किया है. यह डाक्यूमेंट्री एक डेटिंग पोर्टल की कहानी पर आधारित है. इसमें दिखाया गया है कि शादीशुदा लोग किस तरह से इस पोर्टल के जरिए अफेयर करते थे और 2015 में हुए साइबर अटैक के बाद कैसे इन लोगों की जिंदगी में तूफान आ गया. आइए जानते हैं कि इसकी पूरी कहानी क्या है.
'जिंदगी छोटी है, एक अफेयर कर लीजिए'. यह इस वेबसाइट का टैगलाइन है. यह बंबल, हिंज और टिंडर नहीं है, जो सामान्य तौर पर दो बिना शादीशुदा लोगों को डेट करने में सहायता करती है. यह साइट ऐसे लोगों के लिए है जो शादीशुदा हैं, इसके बावजूद एक्ट्रा मैरिटल अफेयर में आना चाहते हैं. खासतौर से यह पोर्टल ऐसे लोगों के लिए जो अपनी शादी से हटकर किसी दूसरे के साथ संबंध बनाना चाहते हैं.
कनाडा की एक कंपनी द्वारा साल 2002 में शुरू किए गए इस पोर्टल का नाम एशले मैडिसन है. यह एक ऐसा पोर्टल है जहां यूजर किसी से संपर्क करने के लिए अपनी निजी जानकारी, फोटो और सेक्स की पसंद को साझा करते थे. यह पोर्टल एक दूसरे को अपनी निजी जरूरतों को पूरा करने का एक माध्यम बन गया था. अगर इसकी विशेषताओं की बात करें तो औरतें दूसरे लोगों के साथ मुफ्त में बातचीत कर सकती थी लेकिन मर्दों को इसका सदस्य बनने के लिए पैसा देना होता था.
अपने शुरुआती समय में इस पोर्टल को कोई खास सफलता नहीं मिली लेकिन साल 2007 में जब कंपनी के नए सीईओ नोएल बिटरमैन बने तो उन्होंने अपने मार्केटिंग के तरीके को बदल दिया. जब ज्यादा से ज्यादा नेटवर्क चैनलों ने एशले मैडिसन का प्रचार करने से इनकार कर दिया तो बिडरमैन ने 'बेवफाई' पर पॉजिटिव तरीके से अभियान चलाने लगे. इस संदेश अभियान को मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्मों से प्रचारित किया गया. धीरे-धीरे यह प्लेटफार्म कई देशों में फैल गया. एक ही दशक में इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या करीब 3 करोड़ 70 लाख हो गई. हालांकि, इस पोर्टल को बड़े लेवल पर आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा. इसे नैतिक और पारिवारिक मूल्यों के लिए खतरा समझा जाने लगा था.
इस पोर्टल के मालिक ने अपने यूजर्स को उनके प्राइवेट डेटा की सुरक्षा के लिए कठोर गोपनीयता और सर्वोच्चता के सुरक्षा मानकों का वादा किया था लेकिन 2015 में खुद को इंपैक्ट टीम कहने वाले एक ग्रुप ने एशले मैडिसन के सारे डेटा को हैक कर लिया. इस इंपैक्ट टीम ने कंपनी को धमकी दी कि अगर 30 दिनों के अंदर अपना कारोबार स्थायी तौर से बंद नहीं किया तो उसके यूजर्स के सारे डेटा को डार्क वेब पर शेयर कर दिया डाएगा. डार्क वेब पर लीक होने वाले इस डेटा में यूजर्स के नाम, पता, ई मेल आईडी जैसी सभी जानकारियां थी.
3 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेटा हुआ था लीक
कंपनी ने इस टीम की धमकी को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया. नतीजा यह निकला कि हैकर्स की टीम ने लगभग 3 करोड़ 20 लाख लोगों का डेटा लीक कर दिया. एशले मैडिशन का किसने इस्तेमाल किया है, किसने कितने लोगों से बात की है, इन सब की जानकारी कोई भी जान सकता था. स्थिति यहां तक आ गई थी कि कौन एशले मैडिशन का यूजर्स है, कौन नहीं, इसका पता बड़ी आसानी से लगने लगा.
इसका नतीजा यह हुआ कि बड़े-बड़े अमेरिकी बिजनसमैन से लेकर पॉलिटिकल लीडर के नाम उजागर होने लगे. कई लोगों की हंसती-खेलती शादीशुदा जिंदगी उजड़ गई. न्यू ऑरलियन्स के पादरी जॉन गिब्सन के बारे जब यह पता चला कि ये एशले मैडिसन के उपयोगकर्ता हैं तो उन्हें इनके समुदाय से निकाल दिया गया और बाद में उन्होंने आत्महत्या कर ली.
साल 2015 में उठे इस तूफान के बाद कंपनी के सीईओ बिडरमैन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अदालत ने एशले मैडिसन के खिलाफ धोखाधड़ी और जुर्माने का फैसला दिया. फिलहाल, यह प्लेटफार्म पूरी तरह गायब नहीं हुआ है. इस प्लेटफार्म को अब शादी कराने वाले ऐप के तौर पर शुरू किया गया है. आज यह कपंनी खुद को कई देशों में आठ करोड़ से अधिक यूजर्स होने का दावा करती है.