कुवैत के बहरा नाम की एक जगह पर पुरातत्व विभाग की टीम को खुदाई के दौरान एक रहस्यमय 7,000 साल पुरानी मूर्तिकला मिली है, जो एक एलियन की आकृति से बेहद मिलती-जुलती दिखती है. यह विचित्र मूर्तिकला कुवैत और पोलैंड के संयुक्त शोधकर्ताओं की टीम द्वारा खोजी गई है. बताया जा रहा है कि, यह खुदाई अरब प्रायद्वीप के सबसे पुराने बस्तियों में से एक में की गई, जो लगभग 5500 से 4900 ईसा पूर्व तक बसी हुई थी.
पुरातत्व विभाग की टीम के अनुसार, यह मिट्टी की मूर्तिकला एक "छोटी, खूबसूरती से बनाई गई सिर की आकृति है, जिसमें तिरछी आंखें, चपटा नाक और लंबी खोपड़ी" दिखाई देती है. हालांकि इस प्रकार की खोजें नियोलिथिक उबैद समुदाय से जुड़ी रही हैं, लेकिन यह पहली बार है कि इस तरह की मूर्तिकला खाड़ी क्षेत्र में पाई गई है.
प्रोफेसर पिओटर बिली स्की बोले- ये मूर्ति मिलना काफी दिलचस्प
इस दौरान वारसॉ विश्वविद्यालय के मेडिटेरेनियन आर्कियोलॉजी सेंटर के प्रोफेसर पिओत्र बिएलिंस्की ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हमारे स्थल पर इस मूर्तिकला की उपस्थिति इसे लेकर कुछ दिलचस्प सवाल उठाती है, जैसे इसका उद्देश्य क्या था और यह समुदाय के लिए धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व रखता था. एक अन्य महत्वपूर्ण खोज स्थानीय मिट्टी के बर्तनों के उत्पादन की पुष्टि थी.
स्थानीय सिरेमिक उत्पादन के मिले संकेत
बहरा 1 में किए गए अन्य महत्वपूर्ण खजाने में स्थानीय सिरेमिक उत्पादन की पुष्टि भी शामिल है. खुदाई के दौरान दो तरह के बर्तन पाए गए. उबैद संस्कृति से संबंधित आयातित सिरेमिक और एक बिल्कुल अलग तरह की सिरेमिक, जिसे कोर्स रेड वेयर (CRW) के नाम से जाना जाता है. यह सिरेमिक पहले अन्य समकालीन स्थलों पर भी पाई गई थी.
सीआरडब्ल्यू मिट्टी के बर्तनों को लंबे समय से स्थानीय उत्पाद माना जाता रहा है, लेकिन अब तक इसके उत्पादन के विशिष्ट स्थानों के बारे में कोई साक्ष्य नहीं मिला है. इसकी मुख्य खोज एक बिना पका हुआ मिट्टी का बर्तन था, जिससे यह पुष्टि करने में मदद मिली कि बहरा 1 वास्तव में खाड़ी क्षेत्र में मिट्टी के बर्तनों के उत्पादन के लिए सबसे प्राचीन ज्ञात स्थान था.