Israel Hamas War: सऊदी अरब ने अब अपने तीर्थ स्थलों से गाजा और फिलिस्तीन का समर्थन करने वालों पर सख्ती दिखाई है. रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब मक्का और मदीना में पवित्र स्थलों पर गाजा के लिए समर्थन जताने वाले और फिलिस्तीन के लिए प्रार्थना करने वालों को गिरफ्तार कर रहा है. ब्रिटिश एक्टर इस्लाह अब्दुर-रहमान ने कहा कि उन्हें फिलिस्तीनी कैफिया पहनने के कारण सैनिकों ने हिरासत में ले लिया था. रहमान ने पिछले महीने इस्लाम के सबसे पवित्र तीर्थ स्थल की यात्रा की थी और सऊदी अरब में फिलिस्तीन के लिए उन्होंने एकजुटता दिखाई थी.
रहमान ने मिडिल ईस्ट आई से बात करते हुए कहा कि मेरे सिर के चारों ओर एक सफेद काफिया और मेरी कलाई में एक फिलिस्तीनी रंग की तस्बीह यानी माला पहनने की वजह से मुझे चार सैनिकों ने रोक लिया था. अपने साक्षात्कार में रहमान ने बताया कि मुझे एक ऐसे स्थान पर ले जाया गया जहां अपराध की आशंका में गिरफ्तार किये गए लोगों को रखा गया था. मेरी गिरफ्तारी के बाद मुझसे मेरी नागरिकता से जुड़ा सवाल पूछा गया.
BBC presenter Islah Abdur-Rahman was detained and interrogated in Mecca, Saudi Arabia, for wearing a Palestinian keffiyah.
— Lowkey (@Lowkey0nline) November 17, 2023
इसके बाद सऊदी अधिकारियों ने मुझसे पूछा कि काफिया क्यों पहना था.उनकी प्रश्न और चेहरे के हाव भाव देखकर यह स्पष्ट था कि वह इसको लेकर असहज थे. वे अरबी में बात कर रहे थे. वे अरबी में फिलिस्तीनी काफिया को बार-बार दोहरा रहे थे. रहमान ने बताया कि मेरी आध्यात्मिक यात्रा के दौरान जो भी हुआ वह बेहद हैरान करने वाला था. मैं एक जेल में था, मुझसे सवाल पूछे जा रहे थे. उन्होंने कहा कि काफिया उन्हें देने के बाद उन्हें एक रिलीज फॉर्म पर हस्ताक्षर करने और फिंगर प्रिंट्स लेने के लिए मजबूर किया गया. यह पूरी घटना मेरे लिए सदमे जैसी थी. रहमान कहते हैं कि मेरे लिए एक नया देश, जहां मेरे कोई अधिकार नहीं वे मेरे साथ कुछ भी कर सकते थे. मैं वहां बहुत ज्यादा डर गया था.
तमाम मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सऊदी अधिकारी उन तीर्थ यात्रियों को अरेस्ट कर रहे हैं जो मक्का और मदीना जैसे पवित्र स्थानों पर फिलिस्तीन के समर्थन में प्रार्थना करते हैं. रहमान की तरह ही एक शख्स को भी सऊदी अरब के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया था. वह फिलिस्तीन के लोगों के लिए प्रार्थना कर रहा था. सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो में इस शख्स ने कहा कि फिलिस्तीनी भाइयों के लिए प्रार्थना के लिए उसे छह घंटे तक जेल में रहना पड़ा.
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