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CAA पर अमेरिकी आयोग ने कही बड़ी बात, भड़क सकती है भारत सरकार

USA On CAA: अमेरिका के धार्मिक आयोग ने भारत सरकार द्वारा तीन इस्लामिक देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने वाले कानून पर सवाल उठाए हैं.

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Edited By: India Daily Live
USCIRF raised Concern Over India CAA

USA On CAA: अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिका के आयोग ( USCIRF) ने भारत सरकार द्वारा जारी नागरिकता संशोधन अधिनियम ( CAA) को लागू करने की अधिसूचना पर आपत्ति जताई है.  अमेरिकी धार्मिक आयोग ने कहा है कि किसी भी धर्म या विश्वास के आधार पर लोगों को नागरिकता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए. विवादित नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को इस महीने अधिसूचित किया गया था. इस कानून के तहत पाकिस्तानस, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के बिना दस्तावेज भारत आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

अमेरिकी धार्मिक आयोग ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को कानून से बाहर रखना सवाल खड़े करता है. USCIRF के आयुक्त स्टीफन श्नेक ने कहा कि अगर इस कानून का वास्तविक उद्देश्य धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करना होता तो इसमें म्यांमार में उत्पीड़न का सामना कर रहे रोहिंग्या मुसलमानों, पाक के अहमदिया मुसलमान और अफगानिस्तान के हजारा शिया समेत अन्य समुदायों के लिए भी प्रावधान किया जाता. श्नेक ने कहा कि किसी को भी धर्म या विश्वास के आधार पर नागरिकता से वंचित करना समझ से परे है.

भारतीय गृहमंत्रालय ने कहा कि इन देशों के मुसलमान भारत के मौजूदा कानूनों के अंतर्गत भारत की नागरिकता का आवेदन कर सकते हैं. भारतीय समुदाय से संबंधित नीतियों की स्टडी करने वाले फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने कहा कि इस प्रावधान का उद्देश्य भारत के तीन पड़ोसी इस्लामिक देशों के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यक लोगों को नागरिकता देना है. संगठन ने कहा कि इसमें मुलमानों को भारतीय नागरिकता से वंचित करने का प्रावधान नहीं है. समूह ने अपने बयान में कहा कि  USCIRF जैसी दुनियाभर की अन्य एजेंसियां भी सीएए कानूनों के बारे सही जानकारी पर ध्यान देंगी.