रूस-यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका का बड़ा कदम, ट्रंप के आगे झुक गए जेलेंस्की!

अमेरिका ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन संघर्ष से संबंधित एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया. इस प्रस्ताव में रूस द्वारा कब्जा किए गए कीव क्षेत्र का कोई उल्लेख नहीं किया गया है, जो इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की स्थिति को दर्शाता है। यह स्थिति वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण है.

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Russia-Ukraine War: संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र (UN) में यूक्रेन संघर्ष को लेकर एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में रूस द्वारा कब्जा किए गए कीव क्षेत्र का कोई उल्लेख नहीं किया गया है. एएफपी के अनुसार, वाशिंगटन के इस प्रस्ताव में यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता का जिक्र किए बिना युद्ध को जल्द समाप्त करने का आह्वान किया गया है. संयुक्त राष्ट्र में रूस के राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने इस प्रस्ताव को 'सकारात्मक कदम' बताया.

यूक्रेन की दुर्दशा, युद्ध से बर्बादी की ओर

आपको बता दें कि यूक्रेन, जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा था, स्वतंत्रता के बाद तेजी से विकसित हुआ. लेकिन राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की के सत्ता में आने के बाद अमेरिका के करीब जाने की उनकी रणनीति ने रूस को नाराज़ कर दिया. नाटो में शामिल होने की कोशिशों ने यूक्रेन को रूस से दूर कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप 2022 में युद्ध शुरू हो गया. बता दें कि इस संघर्ष ने यूक्रेन को पूरी तरह से तबाह कर दिया. हजारों नागरिक मारे गए, लाखों लोगों ने देश छोड़ दिया और आर्थिक, बुनियादी ढांचा पूरी तरह बिखर गया. तीन साल तक चला यह युद्ध अमेरिका और नाटो की मदद से लंबा खिंचता रहा, लेकिन अंततः यूक्रेन को पीछे हटना पड़ा.

अमेरिका ने बढ़ाया दबाव, ट्रंप ने रखी शर्तें

वहीं, अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद यूक्रेन की स्थिति और खराब हो गई. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के साथ शांति वार्ता का समर्थन किया और यूक्रेन पर उसके खनिज संसाधनों तक अमेरिकी कंपनियों की पहुंच देने का दबाव डाला. इस प्रस्ताव ने ज़ेलेंस्की को नाराज कर दिया और उन्होंने अमेरिका व यूरोपीय देशों से समर्थन की मांग की. हालांकि, वैश्विक परिदृश्य में यूक्रेन की स्थिति कमजोर होती गई और रूस-यूक्रेन युद्ध के अंत की संभावना प्रबल हो गई.

ट्रंप की अपील - पुतिन और जेलेंस्की को साथ आना होगा

बताते चले कि व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने कहा, ''राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को साथ आना होगा, क्योंकि हमें लाखों लोगों की जान बचानी है.'' उन्होंने जोर देकर कहा कि युद्ध को जल्द समाप्त करने के लिए दोनों देशों के नेताओं को बातचीत करनी चाहिए.

जेलेंस्की ने जताई सकारात्मक उम्मीद

इसके अलावा, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने शुक्रवार को अपने वीडियो संबोधन में कहा कि उन्हें इस समझौते से "उचित परिणाम" की उम्मीद है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अमेरिका के साथ समझौते को लेकर बातचीत जारी रहेगी और यह संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा.

बहरहाल, रूस-यूक्रेन युद्ध अब अपने अंतिम चरण में पहुंचता दिख रहा है. अमेरिका की नई नीति और रूस की कूटनीतिक मजबूती के बीच यूक्रेन को अब अपने अस्तित्व को बचाने के लिए समझौते की राह अपनानी पड़ रही है.