अमेरिका ने भारत को साधने के लिए पास किया क्वॉड बिल, बढ़ गई चीन की टेंशन

USA Passes Quad Bill: अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने क्वाड देशों के समूह से जुड़े एक बिल को मंजूरी दे दी है. यह बिल बाइडन प्रशासन को सदस्य देशों के साझा हितों का ख्याल रखने के लिए एक अंतर संसदीय कार्य समूह बनाने का निर्देश देता है.

India Daily Live

USA Passes Quad Bill:  अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने गुरुवार को क्वाड देशों के समूह से जुड़े बिल को मंजूरी दे दी. यह बिल बाइडन प्रशासन को निर्देशित करता है कि वह सदस्य  देशों के बीच सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए एक क्वाड अंतर-संसदीय कार्य समूह की स्थापना करे. इस बिल के पास होने के बाद अपने तानाशाही और विस्तारवादी रवैये के लिए पहचाने  जाने वाले चीन की टेंशन बढ़ गई है.

अंतर संसदीय कार्य समूह का होगा गठन

सदन से बिल पारित होने के बाद अमेरिकी प्रशासन को इसके कामकाज और सुरक्षा से जुड़ी जानकारियां साझा करने के लिए एक अंतर संसदीय कार्य समूह का निर्माण करना होगा. यह समूह सदस्य देशों के बीच साझा हितों और मूल्यों का ध्यान रखते हुए अमेरिकी कांग्रेस को रिपोर्ट करेगा. इसके अलावा भविष्य में मानव हितों को प्रभावित करने वाले कारकों जैसे- पैनडैमिक, नई तकनीक, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाले उपायों के बारे में सदस्य देशों के साथ अपनी राय भी साझा करेगा. साथ ही यह समूह विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा और समन्वय के लिए एक मंच के रूप में भी काम करेगा. 

साझा हिंद प्रशांत की अवधारणा को मिलेगा बल 

अमेरिकी प्रतिनिधि ग्रेगरी मीक्स ने इस बिल के सदन से पास होने के बाद खुशी जताते हुए कहा कि इससे मुक्त और साझा हिंद प्रशांत की अवधारणा और मजबूत होगी. इसके साथ ही क्षेत्र में अमेरिका के हितों और समूह के अन्य देशों की नेशनल सिक्योरिटी को भी खासा बल मिलेगा. एशिया प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा समूह के रूप में पहचान रखने वाले क्वाड ग्रुप चार देशों का समूह है. इसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं. 

चीन पर लगेगी लगाम

इस बिल को अमेरिकी सदन से मंजूरी मिलने के बाद चीन की मुसीबतें जरूर बढ़ सकती हैं. चीन बीते कुछ अरसे से हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपना रहा है. वह अपनी नीतियों और कद का इस्तेमाल अपने पड़ोसी देशों को परेशान करने के लिए करता है. इस बिल को हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव से मंजूरी के बाद बीजिंग के प्रभाव को रोकने में मदद जरूर मिलेगी.