America Intel Report: भारत-चीन सीमा पर दोनों देशों की सेना की तैनाती को लेकर अमेरिका की खुफिया रिपोर्ट सामने आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत-चीन बॉर्डर पर सेनाओं की तैनाती जोखिम पैदा कर सकती है. रिपोर्ट में चीन की सैन्य विस्तार योजना, उसके आक्रामक साइबर ऑपरेशन पर भी बात की गई है.
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों में दोनों पक्षों (भारत और चीन) की ओर से बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती और उनकी सेनाओं के बीच छिटपुट मुठभेड़ों को देखते हुए भविष्य में संभावित संघर्ष की चेतावनी दी गई है. कहा गया है कि सीमा विवाद भारत और चीन के बीच संबंधों पर भी असर डालेगा.
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चीन अपनी शक्ति को दिखाने और विदेश खासकर अपने पड़ोसी देशों में चीन के हितों की रक्षा करने के अपने प्रयास में श्रीलंका और पाकिस्तान समेत कई स्थानों पर मिलिट्री बेस बनाना चाह रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन के बीच विवादित सीमा उनके द्विपक्षीय संबंधों पर तनाव का कारण बनेगी. हालांकि, दोनों देशों के बीच 2020 के बाद से सीमा पर किसी तरह की झड़प नहीं हुई है, लेकिन दोनों देशों ने विवादित क्षेत्र में अपनी-अपनी सेना की तैनाती को बनाए हुए हैं. ऐसे में अगर दोनों देशों के सैनिकों के बीच छोटी-मोटी झड़प भी होती है, तो दोनों देशों के बीच जारी तनाव में बढ़ोतरी हो सकती है.
अमेरिकी रिपोर्ट में चीन की सैन्य विस्तार योजना, उसके आक्रामक साइबर अभियान और 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने के संभावित प्रयास पर भी चर्चा की गई है. इसमें इज़राइल-हमास युद्ध और रूस-यूक्रेन युद्ध समेत अन्य संघर्षों के बारे में भी बात की गई है.
मई 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC के लद्दाख सेक्टर में चीन और भारत के सैनिकों के बीच गतिरोध सामने आया था. इसके बाद से भारत और चीन की सीमा के पास दोनों देशों के डेवलमेंट्स वाले प्रोजेक्ट्स में तेजी आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते ही अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फीट की ऊंचाई पर बनी सेला सुरंग का उद्घाटन किया था, जो तवांग सेक्टर को हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करेगी.
भारत और चीन, दोनों पक्षों ने लद्दाख सेक्टर में लगभग 50,000 सैनिकों की तैनाती की है. भारत की ओर से कई बार कहा गया है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी तब तक द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं हो सकते. अमेरिकी रिपोर्ट में इस्लामाबाद की ओर से किसी भी उकसावे की स्थिति में भारत और पाकिस्तान के बीच भी जंग की संभावना की ओर इशारा किया गया है.
भारत और पाकिस्तान, दोनों देश 2021 की शुरुआत में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम की सहमति के बाद मौजूदा स्थिति को बनाए रखे हुए हैं. दोनों देशों की ओर से संघर्ष विराम की 3 साल की अवधि के बीच घरेलू प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें चुनावी गतिविधियां समेत अन्य प्राथमिकताएं शामिल हैं.