अमेरिका ने बदल लिया पलड़ा! UN प्रस्ताव के विरोध में किया वोट, रूस के साथ बढ़ रही दोस्ती?
UN Resolution: संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को तीन प्रस्ताव पेश किए. जिसमें पहली बार अमेरिका का झुकाव रूस की ओर देखने को मिला. अमेरिका ने उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया, जिसमें रूस को दोषी ठहराया गया था.
UN Resolution: विदेश नीति में बड़ा बदलाव करते हुए अमेरिका अब यूक्रेन के बजाए रूस के साथ खड़ा होता नजर आ रहा है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस समेत अन्य देशों के साथ मिलकर सोमवार को UN के उस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया, जिसका समर्थन यूरोप के अधिकांश देशों ने किया था.
संयुक्त राष्ट्र के इस प्रस्ताव में रूस की सेना को यूक्रेन से बाहर निकलने और युद्ध की निंदा करने की मांग की गई थी. हालांकि भारत ने इन सभी चीजों से खुद को अलग रखा है. ऐसा पहली बार हुआ है जब अमेरिका ने रूस के समर्थन किया हो.
तीन प्रस्ताव पर मतदान
UN में सोमवार को तीन प्रस्ताव लाए गए थे. इस प्रस्ताव में रूसी सैनिकों को वापस लेने की भी बात कही गई थी. जिसमें 93 वोट पक्ष में वहीं 18 देशों ने विरोध में मतदान डाला. हालांकि 65 देशों ने इस मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया.
इसके अलावा दूसरा प्रस्ताव में युद्ध समाप्त करने की अपील की गई, लेकिन इस प्रस्ताव में रूस की आक्रामकता का कोई जिक्र नहीं किया गया था. यूरोपीय देशों ने इसमें संशोधन के माध्यम से रूस को आक्रमणकारी बताया जिसके बाद अमेरिका ने मतदान ना करने का फैसला लिया. जिसके बाद रूस-यूक्रेन जंग को लेकर अमेरिका और यूरोपी देशों के बीच गहरा मतभेद उभर कर दुनिया के सामने आया. अमेरिका किसी भी तरीके से रूस को सीधे तौर पर जिम्मेवार ठहराने से बच रहा है. डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली अमेरिका के इस फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भूचाल आ गई है.
इन देशों ने नहीं लिया हिस्सा
भारत के साथ-साथ अर्जेंटीना, संयुक्त अरब अमीरात, चीन तथा ईरान ने भी संयुक्त राष्ट्र के इस इलेक्शन में हिस्सा लेने से परहेज किया. हालांकि, इस बार का मतदान पिछले मतदानों से कम है. कुल मिलाकर 140 से अधिक देशों ने रूस की आक्रामकता की निंदा की और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की. संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव ऐसे समय में आए हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प यूक्रेन युद्ध पर एक नया रुख अपना रहे हैं. उनके और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच भी विवाद बढ़ते जा रहे हैं.