नई दिल्लीः भारत ने अमेरिकी सरकार की ओर से उठाई गई सुरक्षा चिंताओं पर काम करने के लिए एक हाई लेबल जांच समिति का गठन किया है. अमेरिकी सरकार ने हाल ही में संगठित अपराधियों, बंदूक चलाने वालों और आतंकवादियों के बीच सांठगांठ पर भारत सरकार के साथ इनपुट साझा किये थे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम ऐसे मुद्दों को गंभीरता से लेते हैं क्योंकि इनसे हमारे रक्षा हित भी प्रभावित होते हैं.
यह घटनाक्रम फाइनेंशियल टाइम्स की उस रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा गया था कि अमेरिका ने अपनी धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश को विफल कर दिया है. ब्रिटेन स्थित अखबार ने यह भी बताया था कि अमेरिकी सरकार ने इस चिंता पर भारत को चेतावनी भी जारी की थी कि भारत पन्नू को खत्म करने की साजिश में शामिल था.
अमेरिकी और कनाडाई नागरिक, पन्नू अमेरिका स्थित सिख फॉर जस्टिस का नेता है जिसे भारत ने एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित कर रखा है. अखबार ने पन्नू के हवाले से यह कहने से इंकार कर दिया कि क्या अमेरिकी अधिकारियों ने उसे कथित हत्या की साजिश के बारे में चेतावनी दी थी. लेकिन उस दौरान पन्नू ने कहा कि अमेरिकी धरती पर मेरे ऊपर होने वाला कोई भी कृत्य अमेरिकी जवाबदेही के दायरे में आता है.
पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय ने सांठगांठ के बारे में भारत को अमेरिका से मिले 'इनपुट' के बारे में बताया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने उस समय कहा था कि इनपुट दोनों देशों के लिए चिंता का कारण है और हम इसे गंभीरता से लेते हैं. बागची ने कहा कि अमेरिकी इनपुट के संदर्भ में मुद्दों की पहले से ही संबंधित विभागों द्वारा जांच की जा रही है.