Muhammad Salah Al Zabir Death Syria: अमेरिकी सेना ने गुरुवार को सीरिया के उत्तर-पश्चिमी इलाके में एक बड़े हवाई हमले को अंजाम दिया, जिसमें अलकायदा से जुड़े आतंकी संगठन के वरिष्ठ आतंकवादी मोहम्मद सलाह अल-जबीर को मार गिराया गया. यह हमला आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने और क्षेत्र में स्थिरता बहाल करने के उद्देश्य से किया गया.
अमेरिकी सेंट्रल कमांड का बयान
बता दें कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन आतंकी संगठनों की क्षमताओं को सीमित करने के लिए किया गया. सलाह अल-जबीर, हुरार्स अल-दीन नामक आतंकवादी संगठन से जुड़ा था, जो अलकायदा का सहयोगी समूह माना जाता है.
सीरिया में सत्ता परिवर्तन: बशर-अल असद की सरकार गिरी
गौरतलब है कि हाल ही में सीरिया में बड़ा राजनीतिक बदलाव हुआ है. विद्रोही संगठन तहरीर अल-शाम ने राष्ट्रपति बशर-अल असद की सरकार को सत्ता से हटा दिया है. इसके बाद अहमद अल-शरा को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया गया. विद्रोह के बाद बशर-अल असद अपने परिवार के साथ सीरिया छोड़ चुके हैं. असद परिवार पिछले 53 वर्षों से सीरिया की सत्ता में था, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं.
हमास का सैन्य प्रमुख मोहम्मद दैफ भी मारा गया
इस बीच, इजरायली सेना (IDF) ने फलस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास के सैन्य प्रमुख मोहम्मद दैफ को भी एक हवाई हमले में मार गिराने का दावा किया है. इजरायली रक्षा बलों ने इसकी पुष्टि की है कि यह हमला हमास के आतंकी नेटवर्क को कमजोर करने की रणनीति के तहत किया गया.
सीरिया में मौजूदा हालात चिंताजनक
इसको लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि सीरिया में हालात बेहद नाजुक हो गए हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस बात की चिंता सता रही है कि सीरिया कहीं फिर से आतंकवादियों का सुरक्षित अड्डा ना बन जाए. सीरिया में हुए तख्तापलट के बाद वहां की राजनीतिक स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं. वैश्विक शक्तियों की नजर अब सीरिया पर बनी हुई है, ताकि देश में अस्थिरता और आतंकी गतिविधियों को नियंत्रित किया जा सके.
अल-जोलानी कौन है?
वहीं संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अबू मोहम्मद अल-जोलानी का जन्म 1975 से 1979 के बीच हुआ था. हालांकि, अमेरिकी टीवी नेटवर्क PBS को दिए एक इंटरव्यू में जोलानी ने अपनी जन्मतिथि 1982 बताई थी. जोलानी का जन्म सऊदी अरब के रियाद में हुआ, जहां उसके पिता पेट्रोलियम इंजीनियर थे. शुरू में मेडिकल का छात्र रहा जोलानी बाद में अलकायदा के संपर्क में आकर आतंकवाद के रास्ते पर चल पड़ा. 2003 में अमेरिका पर हुए हमले में भी अबू मोहम्मद अल-जोलानी का नाम सामने आया था. अब वह सीरिया के आतंकी संगठनों में सबसे प्रभावशाली नामों में से एक माना जाता है.
हालांकि, अमेरिका के इस हवाई हमले के कई राजनीतिक और रणनीतिक मायने हैं. एक तरफ जहां इससे अलकायदा को बड़ा झटका लगा है, वहीं दूसरी ओर सीरिया में सत्ता परिवर्तन के बाद सुरक्षा चुनौतियां बढ़ गई हैं. अब देखने वाली बात होगी कि अमेरिका और अन्य अंतरराष्ट्रीय शक्तियां सीरिया में स्थिरता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाती हैं और क्या यह क्षेत्र फिर से आतंकी गुटों का गढ़ बनने से बच सकेगा.