एक नई फिल्म "God Versus Aliens" ने दावा किया है कि लोगों में खौफ पैदा करने के लिए और उन्हें अपने कंट्रोल में लेने के लिए अमेरिकी सरकार फर्जी एलियन हमला करवा सकती है. यह फिल्म अमेरिकी सरकार के एक गोपनीय कार्यक्रम, "प्रोजेक्ट ब्लूबीम" के बारे में बताती है, जिसे एक अविश्वसनीय तकनीकी पहलू के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसका उद्देश्य लोगों में भय उत्पन्न करना और उन्हें नियंत्रित करना है. इस फिल्म के निर्देशक, मार्क क्रिस्टोफर ली, ने इस विषय पर कई दिलचस्प विचार शेयर किए हैं और इसके साथ ही उन्होंने इस बात का दावा किया कि सरकार इस तकनीक का परीक्षण कर रही है.
क्या है अमेरिका का प्रोजेक्ट ब्लूबीम
हॉलीवुड स्पेशल इफेक्ट्स और लेजर टेक्नोलॉजी
निक पोप, जो यूके मंत्रालय रक्षा के UFO डेस्क के पूर्व प्रमुख हैं, इस फिल्म में शामिल हुए और प्रोजेक्ट ब्लूबीम की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस तकनीक में लेजर, होलोग्राफिक टेक्नोलॉजी और हॉलीवुड स्पेशल इफेक्ट्स का उपयोग किया जाता है ताकि एक नकली एलियन आक्रमण या यहां तक कि मसीह का पुनरागमन दिखाया जा सके. पोप ने यह भी उल्लेख किया कि इस तकनीक का उद्देश्य एक "एक विश्व सरकार" की स्थापना की दिशा में काम करना हो सकता है, जो इस कृत्रिम आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए स्थापित हो.
क्या प्रोजेक्ट ब्लूबीम वास्तव में काम कर रहा है?
फिल्म में निर्देशक ने यह भी टिप्पणी की कि आजकल लोग जो कुछ आकाश में देख रहे हैं, वह दरअसल प्रोजेक्ट ब्लूबीम तकनीक का ही हिस्सा हो सकता है. उन्होंने कहा, "जो लोग आकाश में ड्रोन गतिविधियों और अन्य विमानों को देख रहे हैं, वे दरअसल अमेरिकी सरकार के इस परीक्षण का हिस्सा हो सकते हैं." ली का मानना है कि इस तकनीक के कारण अब लोग एलियन्स के बारे में भ्रमित हो रहे हैं और इसे डर के रूप में अनुभव कर रहे हैं, जबकि यह दरअसल सरकार का परीक्षण हो सकता है.
ब्रिटेन में भी इस तकनीक का उपयोग हो सकता है
फिल्म के माध्यम से ली ने यह भी कहा कि केवल अमेरिका में ही नहीं, बल्कि ब्रिटेन में भी इस प्रकार की तकनीक का परीक्षण हो सकता है. ब्रिटेन में अमेरिकी सैन्य अड्डों के पास इस तरह की घटनाएं देखी जा सकती हैं, और ली का कहना है कि यह भी एक संकेत हो सकता है कि ब्रिटिश सरकार भी इस परियोजना में शामिल हो सकती है. ली ने रेंडलशम UFO घटना का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि 1980 में RAF बेंटवाटर्स में जो UFO देखा गया था, वह संभवतः यही प्रौद्योगिकी हो सकती है, जो अब और भी उन्नत हो गई है.