आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती शक्ति को लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं. गूगल के पूर्व प्रमुख एरिक श्मिट ने एक गंभीर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि AI का दुरुपयोग दुनिया के लिए खतरा बन सकता है, और यहां तक कि मानव जाति के अस्तित्व को भी खतरे में डाल सकता है.
जैविक हथियार बनाने में AI का इस्तेमाल
सरकारों की निगरानी की आवश्यकता
श्मिट ने निजी तकनीकी कंपनियों पर सरकारों की निगरानी की आवश्यकता पर बल दिया, जो AI के विकास में सबसे आगे हैं. उन्होंने कहा, "यह वास्तव में महत्वपूर्ण है कि सरकारें समझें कि हम क्या कर रहे हैं और हम पर अपनी नजर रखें."
पेरिस AI शिखर सम्मेलन और ब्रिटेन की अनुपस्थिति
उनकी टिप्पणी पेरिस में AI पर दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के बाद आई है, जहां ब्रिटेन अमेरिका के साथ मिलकर AI के भविष्य की दिशा पर एक विज्ञप्ति पर हस्ताक्षर करने से पीछे हट गया. "लोगों और ग्रह के लिए समावेशी और टिकाऊ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस" की घोषणा पर 57 देशों ने हस्ताक्षर किए, जिनमें भारत, चीन, यूरोपीय संघ, अफ्रीकी संघ आयोग और वेटिकन शामिल थे. हालांकि, ब्रिटेन ने कहा कि यह AI के "वैश्विक शासन" पर पर्याप्त "व्यावहारिक स्पष्टता" प्रदान करने में विफल रहा और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में "कठिन सवालों" को संबोधित नहीं किया.
ब्रिटेन का दृष्टिकोण
ब्रिटेन के समुदाय मंत्री एलेक्स नॉरिस ने कहा, "हम वही निर्णय लेते हैं जो ब्रिटिश लोगों के लिए सबसे अच्छा होता है. इस स्थिति में हमने यही किया है, जैसा कि हम किसी भी स्थिति में, वैश्विक या घरेलू, में करेंगे." ब्रिटेन का यह रुख AI के विकास और उसके संभावित खतरों को लेकर वैश्विक स्तर पर चल रही बहस को और तेज करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि AI की शक्ति को नियंत्रित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और ठोस नीतियों की आवश्यकता है, ताकि इसका उपयोग मानवता के लाभ के लिए किया जा सके, न कि उसके विनाश के लिए.