सीरिया में बशर अल-असद को अपदस्थ करने वाले विद्रोहियों के नेता अहमद अल-शरा को बुधवार को देश का अंतरिम राष्ट्रपति नियुक्त किया गया. इस नियुक्ति के साथ ही असद शासन के बाद के नए दौर की शुरुआत हो गई है, जिसमें विद्रोहियों ने मौजूदा संविधान को रद्द करने की घोषणा की और कहा कि एक नया संविधान जल्द ही तैयार किया जाएगा.
अहमद अल-शरा की नियुक्ति
सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोही गुटों के नेताओं की एक बैठक के बाद यह घोषणा की गई. बैठक में अहमद अल-शरा को "संक्रमणकालीन राष्ट्रपति" के रूप में नियुक्त किया गया. यह जानकारी सीरिया की नई सरकार के सैन्य संचालन क्षेत्र के प्रवक्ता कर्नल हसन अब्दुल घनी ने दी. हालांकि, अल-शरा का टेलीविजन भाषण की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने तुरंत कोई बयान नहीं दिया. उनके राष्ट्रपति बनने की प्रक्रिया और इसकी चुनावी प्रक्रिया अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है.
अहमद अल-शरा का इतिहास
अहमद अल-शरा, जिनका असल नाम अबू मोहम्मद अल-गोलानी है, हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेता हैं, जो एक इस्लामिक विद्रोही संगठन था. यह संगठन दिसंबर के पहले सप्ताह में असद शासन को उखाड़ फेंकने के लिए एक त्वरित अभियान चलाने में सफल रहा था. हयात तहरीर अल-शाम पहले अल-कायदा से जुड़ा हुआ था, लेकिन अब उसने अपनी पुरानी संबद्धता से पल्ला झाड़ लिया है. हाल के वर्षों में अल-शरा ने खुद को एक ऐसे नेता के रूप में प्रस्तुत किया है जो बहुलवाद और सहिष्णुता का समर्थन करता है, और महिलाओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा करता है.
पश्चिमी देशों और अरब दुनिया की प्रतिक्रिया
अहमद अल-शरा पर पहले संयुक्त राज्य अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा था, लेकिन पिछले महीने सीरिया की राजधानी दमिश्क में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद इसे हटा लिया गया. मध्य पूर्व मामलों के लिए अमेरिकी शीर्ष राजनयिक बारबरा लीफ ने कहा कि अल-शरा से उनकी मुलाकात में उन्होंने उसे "व्यावहारिक" पाया. हालांकि, सीरिया के नए इस्लामिक शासकों के प्रति पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया अभी भी सतर्क है, जबकि अरब देशों की ओर से कोई बड़ी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
संविधान और नई सरकार की दिशा
कर्नल अब्दुल घनी ने यह भी घोषणा की कि असद शासन के तहत 2012 में बनाए गए संविधान को रद्द कर दिया गया है. अब, अल-शरा को एक अस्थायी विधायी परिषद बनाने का अधिकार दिया जाएगा, और जल्द ही एक नया संविधान तैयार किया जाएगा. इसके अलावा, सभी सशस्त्र गुटों को समाप्त कर दिया जाएगा और उन्हें राज्य संस्थाओं में समाहित कर लिया जाएगा.