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India Daily

पहलगाम पर दो अहम बैठकों के बाद प्रधानमंत्री ने शीर्ष मंत्रियों से की मुलाकात, प्वाइंट्स में समझिए एक्शन प्लान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद आज दूसरी बैठक की. पहली बैठक में CCS ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल था.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Pahalgam
Courtesy: Social Media

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने कड़े तेवर दिखाए हैं. आतंकियों से बदला लेने के लिए एक्शन प्लान पर चर्चा चल रही है. पीएम आवास पर प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस की मीटिंग हुई. सीसीएस की कैबिनेट मीटिंग होने के बाद एक और बैठक हो रही है. पीएम मोदी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह के साथ अलग से बैठक कर रहे हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद आज दूसरी बैठक की है. 

 प्वाइंट्स में समझिए एक्शन प्लान

  • सीसीएस की बैठक के बाद राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीपीए) की एक और बैठक शुरू हुई, जिसमें पहलगाम आतंकवादी हमले पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने के विपक्ष के अनुरोध पर चर्चा की गई.
  • दोनों कैबिनेट बैठकें समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने शीर्ष केंद्रीय मंत्रियों के साथ एक और बैठक की और उन्हें अपनी चर्चाओं के बारे में जानकारी दी.
  • मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी सहित विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर आतंकवादी हमले के खिलाफ सामूहिक संकल्प पेश करने के लिए संसद का सत्र बुलाने की मांग की थी.
  • सीसीएस ने 23 अप्रैल को अपनी पहली बैठक में पहलगाम आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की तथा पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की.
  • सीसीएस को जानकारी देने वाले अधिकारियों ने आतंकी हमले के सीमा पार संबंधों के बारे में बताया. सीसीएस को बताया गया कि आतंकवादी जम्मू-कश्मीर, जो एक केंद्र शासित प्रदेश है, में सफल चुनाव और क्षेत्र की आर्थिक वृद्धि और विकास की दिशा में निरंतर प्रगति के खिलाफ थे.
  • स्थानीय लोगों ने भी आतंकवादी हमले के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि यह हमला पर्यटकों को भगाकर क्षेत्र को अलग-थलग करने और बदले में सभी आर्थिक गतिविधियों को रोकने के उद्देश्य से किया गया है.
  • हालांकि, आतंकी हमले से पहले जिन पर्यटकों ने यात्रा की योजना बनाई थी, वे इसे रद्द नहीं कर रहे हैं. हालांकि वे कई पर्यटक स्थलों के बंद होने से निराश हैं, लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपनी छुट्टियों को लेकर भरोसा जताया और बताया कि उन्हें कोई चिंता नहीं है.
  • अहमदाबाद निवासी केवल पटेल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "मैंने 22 तारीख की रात को आतंकवादी हमले के बारे में सुना.हमारी उड़ान 23 तारीख को सुबह 5.30 बजे थी. पहले तो हमारा पूरा परिवार डरा हुआ था, अनिश्चित था कि जाना चाहिए या नहीं. लेकिन हमारे चाचा ने हमें प्रोत्साहित किया और कहा, 'चलो चलते हैं', इसलिए हम चले आए. अब हम पहलगाम में हैं, और सब कुछ सुरक्षित महसूस हो रहा है."