ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान ने रविवार को घोषणा की कि तेहरान अमेरिका के साथ अपने तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम पर सीधी बातचीत से इनकार करता है. यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के सर्वोच्च नेता को लिखे पत्र के जवाब में आया है.
ओमान के जरिए जवाब, परोक्ष बातचीत की संभावना
परमाणु कार्यक्रम पर बढ़ती चिंता
ईरान का यह इनकार परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनाव का नवीनतम चरण है. अमेरिका और इज़रायल ने चेतावनी दी है कि वे ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे. ईरान 60% शुद्धता तक यूरेनियम संवर्धन कर रहा है, जो आमतौर पर परमाणु-सशस्त्र देशों तक ही पहुँचता है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान ने इस साल फरवरी से हथियार-ग्रेड यूरेनियम उत्पादन तेज कर दिया है.
ट्रंप के खिलाफ कड़ा रुख
पेज़ेशकियान ने शुरू में पश्चिम से जुड़ने का वादा किया था, लेकिन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने फरवरी में ट्रंप प्रशासन से बातचीत को "न बुद्धिमानी, न समझदारी, न सम्मानजनक" बताया. इसके बाद पेज़ेशकियान ने अमेरिका के खिलाफ सख्त रुख अपनाया. हाल ही में कुद्स दिवस पर प्रदर्शनकारियों को केवल "डेथ टू इज़रायल!" नारे लगाने के निर्देश दिए गए, जबकि पहले "डेथ टू अमेरिका!" भी आम था.
क्षेत्रीय तनाव और धमकी
ईरान के संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर क़लीबाफ ने चेतावनी दी, "अगर वे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं, तो यह बारूद के ढेर में चिंगारी की तरह होगा, पूरा क्षेत्र जल उठेगा. उनके ठिकाने और सहयोगी सुरक्षित नहीं रहेंगे." हालांकि, ईरान के इज़रायल पर हाल के हमलों से कम नुकसान हुआ, जबकि इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई में ईरानी वायु रक्षा प्रणाली नष्ट कर दी.