Airstrike on Syria: सीरिया में अल-असद सरकार के पतन के बाद इजरायल भी लगातार सीरिया पर हवाई हमला कर रहा है. IDF ने अपने निशाने में उन हथियारों को निशाना बनाया जिनके बारे में यरुशलम को डर था कि रविवार को बशर अल-असद शासन के नाटकीय पतन के मद्देनजर वे शत्रुतापूर्ण ताकतों के हाथों में पड़ सकते हैं.
सीरियाई सुरक्षा सूत्रों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इजराइली विमानों ने सीरिया के कम से कम तीन प्रमुख सैन्य ठिकानों पर बमबारी की. जिनमें दर्जनों हेलीकॉप्टर और जेट विमान को भी नष्ट कर दिया गया. इजरायल द्वारा किया गया ये हमला असद शासन के पतन के बाद हवाई ठिकानों पर हमलों की सबसे बड़ी लहर थी. ये हमले पूर्वोत्तर सीरिया के कमिशली हवाई अड्डे, होम्स के शिनशर अड्डे और दमिश्क के दक्षिण-पश्चिम स्थित अक़रबा हवाई अड्डे पर किए गए.
इजराइल ने लगभग 250 हमले किए हैं, जिससे सीरियाई वायु सेना के संचालन पर गहरा असर पड़ा है. पश्चिमी खुफिया सूत्रों के मुताबिक इजराइली हमलों की संख्या 300 के करीब पहुँचने का अनुमान है. इजराइल हवाई सुरक्षा द्वारा अगर इसी तरह से सीरियाई वायु सेना पर हमला किया गया तो सीरियाई वायु सेना को पूरी तरह से नष्ट हो जाएगी. ब्रिटेन स्थित युद्ध निगरानी समूह सीरियाई मानवाधिकार वेधशाला के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने एएफपी से कहा कि इजराइली युद्धक विमानों ने सीरिया में 100 से अधिक हमले किए. जिनमें बरज़ा वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र भी शामिल है.ॉ
इजराइली रक्षा बलों ने गोलान हाइट्स में सीरिया और इजराइल के बीच के बफर ज़ोन में नए स्थानों को संभालने की घोषणा की है. यह पहली बार थ, जब 1974 के विघटन समझौते के बाद इजराइल ने बफर ज़ोन में इस तरह की गतिविधि की थी. हालांकि इजराइल ने स्पष्ट किया है कि इसका उद्देश्य सीरिया के भीतर हो रही सैन्य गतिविधियों में हस्तक्षेप करना नहीं है बल्कि अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है. इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी सीरिया में अपनी उपस्थिति बढ़ाई और रविवार को इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हमले किए. अमेरिकी सेना के अनुसार उनके विमानों ने 75 से अधिक इस्लामिक स्टेट के ठिकानों पर हमला किया. सीरिया में असद शासन का गिरना एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन था और इससे क्षेत्रीय शक्ति संघर्ष और भी तेज हो गए हैं.
विद्रोहियों द्वारा हमला किए जाने के बाद सीरिया में असद शासन का 55 साल पुराना शासन रविवार को अचानक गिर गया. सीरिया का गृह युद्ध जो 2011 में शुरू हुआ था. इस गृह युद्द ने कई बाहरी शक्तियों को इसमें घसीटा और लाखों शरणार्थियों को पड़ोसी देशों में भेज दिया. विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) जो अल-कायदा से जुड़ा हुआ है अब सीरिया के कुछ हिस्सों में सत्ता का दावा कर रहा है.