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ICC वारंट ने बढ़ाई इजरायली PM नेतन्याहू की मुश्किल, इन देशों में कदम रखते ही हो जाएंगे गिरफ्तार

आयरलैंड के प्रधानमंत्री, सिमोन हैरिस ने स्पष्ट किया कि यदि नेतन्याहू आयरलैंड में कदम रखते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय अदालतों का समर्थन करते हैं और उनके आदेशों का पालन करते हैं."

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Edited By: Sagar Bhardwaj
benjamin netanyahu

Israel Gaza War: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए अब एक नई चुनौती सामने आई है. अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने उन्हें और उनके पूर्व रक्षा मंत्री योव गैलेंट के खिलाफ युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. यह वॉरंट अक्टूबर 2023 से मई 2024 के बीच गाजा युद्ध में कथित अपराधों को लेकर जारी किया गया है. अब ICC के सदस्य देशों के लिए यह वारंट बाध्यकारी हो गए हैं, और कुछ देशों ने इसे लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता भी जाहिर की है.

ICC के सदस्य देशों में बढ़ी गिरफ्तारी की संभावना

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के 124 सदस्य देशों में अब यह बाध्यता है कि वे नेतन्याहू और गैलेंट को गिरफ्तार करें, यदि वे उनके देश में कदम रखते हैं. हालांकि, कोर्ट का अधिकार सदस्य देशों पर निर्भर करता है और गिरफ्तारी केवल उन देशों के सहयोग से ही हो सकती है. इस बीच, कुछ देशों ने खुलकर कहा है कि वे इस वॉरंट का पालन करेंगे.

आयरलैंड: "बिलकुल गिरफ्तार करेंगे"
आयरलैंड के प्रधानमंत्री, सिमोन हैरिस ने स्पष्ट किया कि यदि नेतन्याहू आयरलैंड में कदम रखते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय अदालतों का समर्थन करते हैं और उनके आदेशों का पालन करते हैं."

इटली: "हमें गिरफ्तार करना होगा"
इटली के रक्षा मंत्री, गुडियो क्रोसेट्टो ने कहा कि यदि नेतन्याहू इटली पहुंचे, तो उन्हें गिरफ्तार करना अनिवार्य होगा. उन्होंने इसे एक राजनीतिक निर्णय न मानते हुए कहा कि यह ICC का सदस्य होने के नाते इटली की कानूनी जिम्मेदारी है.

नीदरलैंड्स: "हमें सहयोग करना होगा"
नीदरलैंड्स के विदेश मंत्री, कासपर वेल्डकैंप ने भी यह पुष्टि की कि उनका देश ICC के आदेशों का पालन करेगा. उन्होंने कहा, “सरकार की लाइन स्पष्ट है, हम ICC के साथ पूरी तरह से सहयोग करेंगे,"

कनाडा: "अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना जरूरी"
कनाडा के प्रधानमंत्री, जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका देश ICC के वारंट का पालन करेगा और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करेगा.

अन्य देशों की प्रतिक्रिया
स्पेन, नॉर्वे, स्वीडन, बेल्जियम, और तुर्की सहित कई अन्य देशों ने भी ICC के निर्णय का समर्थन किया है. बेल्जियम ने कहा कि "जिन्होंने भी अपराध किए हैं, उन्हें उच्चतम स्तर पर न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए." वहीं तुर्की ने इसे "फिलिस्तीन में नरसंहार को समाप्त करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम" बताया.

नेतन्याहू के लिए एक नई चुनौती
हालांकि, ICC के कुछ सदस्य देश, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, और इज़राइल के प्रमुख सहयोगी देशों ने इस वारंट पर अलग प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका और इज़राइल ICC के सदस्य नहीं हैं, और चीन ने इस मामले में न्यायालय से निष्पक्ष और न्यायपूर्ण निर्णय की उम्मीद जताई है.

बहरहाल, यह स्पष्ट है कि ICC के द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जिन देशों ने अपने कानूनी दायित्वों को स्वीकार करते हुए ICC के आदेशों का पालन करने का संकल्प लिया है, उनके लिए नेतन्याहू के लिए यात्रा करना अब और कठिन हो सकता है.