South Carolina Execution: अमेरिका में 15 वर्षों के बाद पहली बार किसी अपराधी को फायरिंग स्क्वाड द्वारा मृत्युदंड दिया गया. दक्षिण कैरोलिना में ब्रैड सिगमन को शुक्रवार की शाम गोली मारकर मौत की सजा दी गई. इस क्रूर घटना के चश्मदीद पत्रकार जेफरी कोलिन्स ने बताया कि यह दृश्य उनकी यादों में हमेशा के लिए अंकित हो गया है.
आपको बता दें कि एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकार कोलिन्स, उन तीन पत्रकारों में से एक थे जिन्हें इस फांसी को देखने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने बताया कि जब पर्दा उठा, तो सिगमन के हृदय के ऊपर एक सफेद कागज का आयताकार निशान था, जिस पर लाल रंग का लक्ष्य बना हुआ था. कोलिन्स ने लिखा, ''राइफलों की अचानक आवाज़ से मैं चौंक गया. सिगमन के काले जेल सूट पर बना लाल निशाना अचानक गायब हो गया और उसका पूरा शरीर हिल गया.''
ब्रैड सिगमन का अपराध और सजा
वहीं बता दें कि, 67 वर्षीय सिगमन, साउथ कैरोलिना में मृत्युदंड पाने वाले सबसे बुजुर्ग अपराधी थे. उन्हें 2001 में अपनी पूर्व प्रेमिका के माता-पिता, डेविड और ग्लेडिस लार्के की हत्या के जुर्म में दोषी ठहराया गया था. उन्होंने दोनों को बेसबॉल बैट से पीट-पीटकर मार डाला था और अपनी पूर्व प्रेमिका का अपहरण कर लिया था.
मौत के तरीके का चुनाव
बताते चले कि साउथ कैरोलिना में 13 साल तक फांसी की सजा पर रोक के बाद हाल ही में इसे फिर से शुरू किया गया. कैदियों को तीन विकल्प दिए गए - इलेक्ट्रिक चेयर, घातक इंजेक्शन, या फायरिंग स्क्वाड. सिगमन ने घातक इंजेक्शन दवाओं की प्रभावशीलता को लेकर संदेह जताते हुए फायरिंग स्क्वाड को चुना. कोलिन्स ने लिखा, ''फायरिंग स्क्वाड, घातक इंजेक्शन की तुलना में कहीं अधिक हिंसक और तनावपूर्ण था.''
उन्होंने बताया कि सिगमन का सिर एक हुड से ढका गया और कुछ ही मिनटों में बिना किसी चेतावनी के गोलियां चला दी गईं. ''सिगमन की छाती पर एक छोटा लाल धब्बा उभर आया. उसकी छाती दो-तीन बार हिली, और राइफल की आवाज के अलावा कोई और आवाज नहीं आई.''
सिगमन का आखिरी संदेश
बहरहाल, इस फांसी की कई मानवाधिकार संगठनों और सिगमन के वकीलों ने आलोचना की. वकील गेराल्ड किंग ने कहा, ''ब्रैड की मौत भयानक और हिंसक थी. यह कल्पना से भी परे है कि 2025 में कोई राज्य इस तरह से अपने नागरिक को फांसी देगा.'' सिगमन ने अपने आखिरी बयान में कहा, ''आंख के बदले आंख के सिद्धांत के आधार पर जूरी ने मुझे मौत की सजा दी, लेकिन अब मुझे एहसास हुआ कि यह कितना गलत था.''