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नाइजर पर हमले की तैयारी कर रहे अफ्रीकी देश, फ्रांस ने किया मदद का वादा!

नाइजर के चुने हुए राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को तख्तापलट कर हटाने वाले नाइजर सेना के जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं.

 

नई दिल्लीः नाइजर के चुने हुए राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को तख्तापलट कर हटाने वाले नाइजर सेना के जनरल  अब्दुर्ररहमान त्चियानी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं. 

अफ्रीकी देशों के ब्लॉक ECOWAS ने नाइजर की सेना से राष्ट्रपति को रिहा और पूर्व की स्थिति बहाल करने के लिए रविवार तक की समय सीमी दी है.

 ऐसा न होने पर इस क्षेत्रीय ब्लॉक ने नाइजर की जुंटा सरकार पर सैन्य हमले की धमकी दी है.


सैन्य कार्रवाई ही विकल्प

ब्लॉक के एक अधिकारी ने कहा कि हमने नाइजर में सैन्य हस्तक्षेप करने की योजना बनाई है, लेकिन यह अंतिम उपाय के तौर पर इस्तेमाल की जाएगी. 

नाइजर, अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में स्थित है. यहां पर हाल के कुछ वर्षों के अंदर माली और बुर्किना फासो सहित कई देशों में तख्तापलट हुआ है. 

नाइजर यहां बचे गिने-चुने लोकतंत्रों में शामिल था. मोहम्मद बजौम ने 2021 में चुनाव जीतकर यहां का शासन संभाला था.

1960 से नाइजर पर फ्रांस का कब्जा था.

 

फ्रांस ने किया समर्थन

नाइजर के नए प्रेसिडेंट बोला टीनुबु हैं. उनके पास कोई सैन्य अनुभव नहीं है. 

इस क्षेत्र के एक अहम देश सेनेगल ने भी सैन्य हस्तक्षेप करने को लेकर अपनी हामी भर दी है. 

वहीं फ्रांस ने अफ्रीकी देशों के ब्लॉक ECOWAS से वादा किया है वह उनकी सैन्य कार्रवाई में मदद करेगा.

 

वैगनर आर्मी से मांगी है मदद

नाइजर में सरकार का तख्ता पलट करने वाली सेना के तानाशाह को अन्य अफ्रीका के देशों से हमला होने का डर सता रहा है.

इसे देखते हुए नाइजर की सेना ने रूस के भाड़े के सैनिकों के ग्रुप वैगनर आर्मी से मदद की मांग की है.


 
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