भारतीय सीमा में उड़ रहा था जासूसी गुब्बारा, राफेल फाइटर जेट ने मार गिराया
भारतीय वायु सेना ने आसमान में उड़ रहे चीने के जैसे जासूसी गुब्बारे को मार गिराया. ये गुब्बारा 15 किलोमीटर से अधिक की ऊंचाई पर उड़ रहा था. इंडियन एयर फोर्स ने जिस बैलून को मार गिराया उसका आकार पिछले साल अमेरिकी वायुसेना की ओर से मार गिराए गए जासूसी गुब्बारे की तुलना में छोटा था.
भारतीय वायु सेना ने आसमान में उड़ रहे चीने के जैसे जासूसी गुब्बारे को मार गिराया. ये गुब्बारा 15 किलोमीटर से अधिक की ऊंचाई पर उड़ रहा था. इंडियन एयर फोर्स ने जिस बैलून को मार गिराया उसका आकार पिछले साल अमेरिकी वायुसेना की ओर से मार गिराए गए जासूसी गुब्बारे की तुलना में छोटा था. बता दें कि पिछले साल अमेरिका ने एक चीनी जासूसी गुब्बारे में मार गिराया था.
भारत ने इस ऑपरेशन में राफेल लड़ाकू विमान का इस्तेमाल किय़ा, जिसने नियंत्रित अभ्यास में उच्च ऊंचाई वाले गुब्बारे को निशाना बनाया. चीन अपने इस तरह के गुब्बारे दूसरे देशों के ऊपर छोड़ते रहता है. अमेरिका दक्षिण कैरोलिना के तट पर एक चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया था. इस समय ये कहा गया कि इसमें कैमरे लगे हुए थे.
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में दिखा था ऐसा गुब्बारा
भारत में भी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर इसी तरह के गुब्बारे देखे जाने की खबरें आई हैं. हालांकि उस मामले में तत्काल कोई कार्रवाई नहीं की गई, क्योंकि तीन से चार दिनों तक देखे जाने के बाद गुब्बारा दूर चला गया. माना जा रहा है कि गुब्बारों का उपयोग एक बड़े क्षेत्र पर निगरानी रखने के लिए किया जाता है.
जासूसी के लिए इस्तेमाल होते हैं ऐसे गुब्बारे
भारतीय वायु सेना ने जिस गुब्बारे को मार गिराया है वो अंडमान और निकोबार द्वीप समूह क्षेत्र के ऊपर उड़ रहा था. माना जा रहा है कि गुब्बारों का उपयोग एक बड़े क्षेत्र पर निगरानी रखने के लिए किया जाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि ये गुब्बारे किसी प्रकार के स्टीयरिंग तंत्र से सुसज्जित होते हैं, जिससे वे लंबे समय किसी भी इलाके में हवा में मंडराते रहते हैं.