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104 दिनों तक काम करने से फेल हो गए शरीर के कई ऑर्गन, चली गई जान; कोर्ट ने कंपनी को ठहराया दोषी

China News: चीन से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, 104 दिनों तक काम करने से एक शक्स की मौत हो गई है. इतने दिनों में उसे मात्र 1 दिन का आराम मिला था. इस मामले में कोर्ट ने कंपनी को 20 फीसदी दोषी पाया है.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: @scmp

China News: 30 साल के एक पेंटर की लगातार 104 दिनों तक काम करने से मौत हो गई. 104 दिनों में उसे एक ही दिन आराम दिया गया था. इतने दिनों तक काम करने से शख्स के कई ऑर्गन फेल हो गए, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. ये मामला चीन का है. शख्स का नाम अबाओ था. 

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार कोर्ट ने माना की पेंटर की मौत में कंपनी 20 फीसदी जिम्मेदार है. कंपनी को आदेश दिया गया है कि वह अबाओ के परिवार को मुआवजा दे. 

इस संक्रमण से हो गए थे संक्रमित

पेंटर को न्यूमोकोकल इनफेक्शन हो गया था. संक्रमण की वजह से अबाओ की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई, जिसके चलते उसकी मौत हो गई. न्यूमोकोकल संक्रमण इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है. 

संक्रमण की वजह से अबाओ की तबयित खराब हुई. उन्हें 28 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और 1 जून को उनकी मौत हो गई. संक्रमण की वजह से उनका रेस्पिरेटरी सिस्टम खराब हो गया था. रेस्पिरेटरी सिस्टम खराब होना मतलब सांस लेने में तकलीफ होना. 

कंपनी ने क्या कहा?

अधिकारियों का कहना है कि अबाओ की मृत्यु का कंपनी के काम से कोई लेना देना नहीं. क्योंकि उन्हें बीमार हुए बहुत समय हो गया था. वहीं, उनके परिवार का कहना है कि  वह कंपनी के खिलाफ लीगल एक्शन लेंगे. वहीं, कंपनी का कहना है कि अबाओ का काम उचित था. ओवरटाइम करना उनके ऊपर था. 

पिछले साल फरवरी में, अबाओ ने एक कंपनी के लिए पेंटर के रूप में काम करने के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए, जिसका नाम अदालत ने नहीं बताया. यह अनुबंध इस साल जनवरी तक के लिए था. इसके बाद उन्हें पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत के झोउशान में एक परियोजना के लिए नियुक्त किया गया.

कोर्ट ने माना लेबर ला का हुआ उल्लंघन

कोर्ट ने माना कि अबाओ की मौत मामले में चीनी लेबल लॉ का उल्लंघन हुआ है. क्योंकि लेबर लॉ सप्ताह में 44 घंटे और दिन में मैक्सिम 8 घंटे काम करने को कहता है. इस घटना के बाद से चीन में काम करने वालों लोगों में आक्रोश देखा जा राह है. चीन में श्रमिकों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है, इस बारे में चर्चा शुरू हो गई है.