महल जैसा घर और 4 करोड़ का सैलरी पैकेज, फिर भी नौकरी के लिए नहीं मिल रहे लोग, आखिर क्या है ये जॉब

Bizarre News: कल्पना कीजिए कि आपको 4 करोड़ रुपये सालाना सैलरी और 4 कमरों का आलीशान घर मुफ्त में मिल रहा है. यह सपने जैसा लगता है, है ना? लेकिन क्या आप इस ऑफर के लिए सब कुछ छोड़कर ऑस्ट्रेलिया के एक बहुत दूर स्थित गांव में चले जाएंगे?

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Bizarre News: आजकल नौकरी ढूंढना कितना मुश्किल है, यह हम सब जानते हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या कोई ऐसी नौकरी भी हो सकती है जिसके लिए लाखों लोग आवेदन करें और फिर भी कोई न करना चाहे?

जी हाँ, ऑस्ट्रेलिया में पिछले साल ऐसा ही हुआ था. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के क्वाइराडिंग नाम के एक छोटे से कस्बे में डॉक्टर के पद के लिए 4.8 करोड़ रुपये सालाना सैलरी और रहने के लिए 4 कमरों का आलीशान घर देने का ऑफर दिया गया था.

लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इस अद्भुत ऑफर के बावजूद भी कोई डॉक्टर इस नौकरी के लिए तैयार नहीं हुआ. इसका कारण था क्वाइराडिंग की दूरदराज की लोकेशन. यह कस्बा शहरों से बहुत दूर है, जिसके कारण यहां डॉक्टर बनकर आना किसी को भी रास नहीं आया.

क्वाइराडिंग में डॉक्टर की कमी

क्वाइराडिंग में लगभग 6000 लोग रहते हैं और इन सभी को डॉक्टर की सख्त जरूरत थी. 2023 में 14 मार्च तक यहां एक जनरल प्रैक्टिशनर का कॉन्ट्रैक्ट था, जो खत्म हो गया था. लेकिन दूरदराज के इलाके होने के कारण यहां कोई दूसरा डॉक्टर नहीं आना चाहता था.

डॉक्टर ढूंढने के लिए मजबूरी

डॉक्टर न मिलने के कारण मेडिकल क्लिनिक बंद होने का खतरा था. साथ ही, केमिस्ट की दुकानें भी बंद हो सकती थीं, जिससे लोगों को भारी परेशानी होती. ऑस्ट्रेलियन मेडिकल असोसिएशन के मुताबिक, अगले 10 सालों में ऑस्ट्रेलिया में 10 हजार से ज्यादा जनरल फिजीशिन्स की जरूरत होगी. 2009 से 2019 के बीच डॉक्टरों की डिमांड 58% तक बढ़ जाएगी.

दूरदराज के इलाकों में डॉक्टरों की कमी

क्वाइराडिंग जैसा मामला ऑस्ट्रेलिया में अकेला नहीं है. कई अन्य दूरदराज के इलाकों में भी डॉक्टरों की भारी कमी है. इसका कारण यह है कि ज्यादातर डॉक्टर शहरों में रहना पसंद करते हैं, जहां उन्हें बेहतर सुविधाएं, शिक्षा और सामाजिक जीवन मिलता है. क्वाइराडिंग में डॉक्टर की कमी को दूर करने के लिए, स्थानीय प्रशासन ने सैलरी बढ़ाने और अन्य सुविधाएं देने का फैसला किया है. साथ ही, वे शहर को अधिक आकर्षक बनाने के लिए भी प्रयास कर रहे हैं.

क्या बदलाव होगा?

यह घटना हमें सिखाती है कि पैसे और सुविधाओं से ज्यादा महत्वपूर्ण जीवनशैली और रहन-सहन का माहौल होता है. डॉक्टरों ने भले ही 4 करोड़ रुपये की सैलरी छोड़ी हो, लेकिन उन्होंने शायद अपनी खुशी और सुकून को प्राथमिकता दी होगी. 2023 में, भारत में भी एक ऐसा मामला सामने आया था, जहां झारखंड सरकार ने दूरदराज के इलाकों में डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए आकर्षक वेतन पैकेज और अन्य सुविधाएं देने का ऐलान किया था.

इसी तरह, कनाडा में भी ग्रामीण इलाकों में डॉक्टरों को आकर्षित करने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. यह स्पष्ट है कि डॉक्टरों की कमी एक वैश्विक समस्या है और इसे दूर करने के लिए सरकारों और स्वास्थ्य सेवा संस्थानों को मिलकर प्रयास करने होंगे.