इजरायल ने गाजा सीमा अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ा दी है. 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के हमले को एक साल हो जाएगा. सैन्य सूत्रों का कहना है कि हमास एक सैन्य संगठन के रूप में काफी हद तक ध्वस्त हो चुका है, फिर भी इसके कार्यकर्ता अभी भी रॉकेट हमले कर सकते हैं. आईडीएफ हमले की पहली वर्षगांठ पर हमास के हमलों की आशंका जता रहा है और आज उसका आकलन है कि गाजा से होने वाले ऐसे हमलों में रॉकेट हमले भी शामिल हो सकते हैं.
इजरायल की सेना ने कहा कि सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई और खुफिया विभाग को अलर्ट पर रखा गया है. आईडीएफ ने एक बयान में कहा कि दक्षिणी कमान आगामी महीने के दौरान कई परिदृश्यों के लिए रक्षा और हमले के लिए तैयार है, साथ ही गाजा सीमा समुदायों में स्मारक कार्यक्रमों को सुरक्षित रूप से आयोजित करने की अनुमति भी दे रही है.
सेना का कहना है कि इज़रायली सीमावर्ती शहरों की रक्षा के लिए कई कंपनियों को तैनात किया जा रहा है, तथा हमलों की स्थिति में वह पुलिस और चिकित्सा सेवाओं के साथ समन्वय कर रही है. आईडीएफ ने कहा है कि राफा और फिलाडेल्फिया कॉरिडोर - मिस्र-गाजा सीमा क्षेत्र में सेना में कोई कमी नहीं हुई है, क्योंकि 162वीं डिवीजन जो पहले वहां तैनात थी ने उत्तरी गाजा के जबालिया में एक नया अभियान शुरू किया है. राफा क्षेत्र को गाजा डिवीजन को सौंप दिया गया, यह पहली बार है कि क्षेत्रीय डिवीजन को पट्टी के एक बड़े हिस्से की जिम्मेदारी दी गई है.
इजरायल का मानना है कि हजारों फिलीस्तीनी अभी भी उत्तरी गाजा में हैं जिनमें हजारों आतंकवादी भी शामिल हैं जो पिछले आईडीएफ अभियानों में बच गए थे. जबालिया में रात में हुए हमले में कई आतंकी मारे गए हैं. आईडीएफ की 162वीं डिवीजन के सैनिक 5 अक्टूबर, 2024 को उत्तरी गाजा पट्टी में प्रवेश करते हैं. इजराइल रक्षा बलों ने रविवार को कहा कि उत्तरी गाजा में हमास द्वारा पुनः स्थापित होने के प्रयासों को लक्ष्य करके चलाए जा रहे नए जमीनी अभियान के बीच सैनिकों ने जबालिया को घेर लिया है.
सेना ने कहा कि 162वीं डिवीजन की 401वीं और 460वीं बख्तरबंद ब्रिगेड ने रात भर शहर को घेर रखा था और हमास के कार्यकर्ताओं और बुनियादी ढांचे के बारे में खुफिया जानकारी के बाद सेना क्षेत्र में कार्रवाई कर रही थी, साथ ही आतंकवादी समूह द्वारा वहां फिर से संगठित होने के प्रयासों पर भी नजर रख रही थी. 162वें डिवीजन को पांच महीने तक वहां रहने के बाद राफा और फिलाडेल्फिया कॉरिडोर - मिस्र-गाजा सीमा क्षेत्र - से हटा लिया गया, तथा इस क्षेत्र की जिम्मेदारी आईडीएफ के गाजा डिवीजन को सौंप दी गई. रात भर जबालिया इलाके में जोरदार धमाकों की खबरें आईं. बाद में आईडीएफ ने कहा कि सैनिकों के इलाके में घुसने के बाद उसने हवाई हमले और तोपखाने की गोलाबारी की. हमलों में जबालिया में हमास के दर्जनों ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिनमें हथियार डिपो, सुरंगें, आतंकवादियों के ठिकाने और अन्य बुनियादी ढांचे शामिल हैं.
युद्ध के आरंभ में आईडीएफ द्वारा पूरे क्षेत्र को खाली कर पट्टी के दक्षिण में चले जाने के आह्वान के बाद, अनुमान है कि लगभग 200,000 फिलिस्तीनी उत्तरी गाजा में रह गए हैं. तटीय क्षेत्र के उत्तरी भाग को खाली कराने की तैयारी आईडीएफ द्वारा मध्य गाजा पट्टी के कुछ हिस्सों में रहने वाले फिलिस्तीनी नागरिकों से मानवीय क्षेत्रों में चले जाने के आह्वान के ठीक एक दिन बाद हुई. इस बीच, रात में गाजा के अन्य भागों में भी इजरायली भारी हमले हुए, क्योंकि आईडीएफ ने कहा कि युद्धक विमानों ने आतंकवादी गुर्गों पर सटीक हमला किया, जो मध्य पट्टी के डेर अल-बलाह में इब्न रुश्द स्कूल के परिसर में स्थित कमांड सेंटर में मौजूद थे.
हमास द्वारा संचालित गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अब तक इस पट्टी में 41,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं या माना जा रहा है कि वे मारे गए हैं, हालांकि इस संख्या की पुष्टि नहीं की जा सकती है और नागरिकों और लड़ाकों के बीच कोई अंतर नहीं किया गया है. इज़राइल का कहना है कि उसने अगस्त तक लड़ाई में लगभग 17,000 लड़ाकों को मार गिराया है और 7 अक्टूबर को इज़राइल के अंदर 1,000 अन्य आतंकवादियों को भी मार गिराया है. गाजा में हमास के खिलाफ जमीनी हमले और पट्टी की सीमा पर सैन्य अभियानों में इजरायल के 348 लोग मारे गए हैं.