शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में निशाने पर हिंदू, 49 शिक्षकों को जबरन इस्तीफा देने के लिए किया गया मजबूर
देश में सरकारी नौकरियों में विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ छात्रों के उग्र विरोध प्रदर्शनों के बाद 76 वर्षीय शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और वह देश छोड़कर भाग गई थीं. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान देश के अल्पसंख्यक समुदाय जैसे हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों पर हमले हुए.
Bangladesh Crisis: शेख हसीना की सरकार गिरने और उनके देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है. विशेषकर हिंदू समुदाय को वहां के बहुसंख्यक मुस्लिमों के अत्याचार का सामना करना पड़ रहा है. आलम ये है कि बांग्लादेश में करीब 49 अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षकों पर अपने पद से जबरन इस्तीफा देने का दबाव डाला गया है. यही नहीं इनमें से कुछ शिक्षकों पर हमला भी हुआ है. बांग्लादेश की कई मीडिया रिपोर्ट्स से इस बात का खुलासा हुआ है.
19 शिक्षकों को किया गया बहाल
हालांकि इनमें से 19 शिक्षकों को फिर से बहाल कर दिया गया. दा डेली स्टार अखबार ने बांग्लादेश के छात्र ओइक्या परिषद के संयोजक साकिब सरकार के हवाले से यह खबर प्रकाशित की है.
कई अल्पसंख्यकों की कर दी गई हत्या
सरकार ने कहा कि इस दौरान धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों पर हमले हुए, उन्हें लूटा गया, उनकी महिलाओं का शोषण किया गया, उनके मंदिरों को तोड़ा गया, उनके घरों और दुकानों पर हमले हुए और कई अल्पसंख्कों की हत्या कर दी गई.
शेख हसीना ने दे दिया था इस्तीफा
बदा दें कि देश में सरकारी नौकरियों में विवादित कोटा सिस्टम के खिलाफ छात्रों के उग्र विरोध प्रदर्शनों के बाद 76 वर्षीय शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और वह देश छोड़कर भाग गई थीं. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान देश के अल्पसंख्यक समुदाय जैसे हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों पर हमले हुए.
18 अगस्त को करीब 50 छात्रों ने आजिमपुर के सरकारी गर्ल्स स्कूल एवं कॉलेज को घेर लिया और प्रिंसिपल और दो अन्य शिक्षकों से इस्तीफा देने की मांग की. बरुआ ने डेली स्टार को बताया कि 18 अगस्त से पहले उन्होंने कभी मेरा इस्तीफा नहीं मांगा था. उस सुबह उन्होंने मेरा ऑफिस घेर लिया और मुझे प्रताड़ित किया.
काजी नजरुल यूनिवर्सिटी में असोसिएट प्रोफेसर संजय कुमार मुखर्जी ने कहा कि उन्हें जबरदस्ती अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा गया. उन्होंने कहा कि वे बहुत ही असुरक्षित महसूस कर रहे थे.
तस्लीमा नसरीन ने यूनुस सरकार पर साधा निशाना
बांग्लादेश के वर्तमान हालातों और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम न उठाने के लिए निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने वर्तमान यूनुस सरकार पर निशाना साथा है.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'बांग्लादेश में शिक्षकों से जबरदस्ती इस्तीफा लिया जा रहा है. पिछली सरकार के पत्रकारों, मंत्रियों, अधिकारियों की हत्या की जा रही है, उन्हें जेल में डाला जा रहा है. जरनल जेड ने अहमदी मुस्लमानों के उद्योगों को जला दिया. इस्लामी आतंकवादियों द्वारा सूफी मुसलमानों की मजारों और दरगाहों को ध्वसत कर दिया गया. यूनुस ने इसको लेकर कुछ नहीं कहा.'
अल्पसंख्यकों पर हमले की 205 घटनाएं
बांग्लादेश हिंदू बुद्धिस्ट क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल और बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद संगठनों के एक डेटा के अनुसार शेख हसीना की सरकार जाने के बाद बांग्लादेश के 52 जिलों में अल्पसंख्यकों पर हमले की 205 घटनाएं हुई हैं.