कुवैत आग हादसे में कैसे चली गई 41 भारतीयों की जान, कैसे लगी आग, अब तक क्या-क्या हुआ? जानें

बताया जा रहा है कि मरने वाले ज्यादातर लोग ऑयर रिफाइनरी में काम करते थे. रिपोर्ट के मुताबिक जिस इमारत में आग लगी वहां नियमों का उल्लंघन हो रहा था. बिल्डिंग में क्षमता से अधिक लोग रह रहे थे. भारतीय दूतावास ने इस हादसे के बाद एक हेल्पलाइन नंबर +965-65505246 जारी किया है.

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कुवैत की एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने से करीब 49 लोगों की मौत हो गई है. भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया है कि इस हादसे में मरने वाले ज्यादातर भारतीय हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस दर्दनाक हादसे पर दुख जताया है. यह भीषण आग बुधवार को कुवैत के दक्षिणी अहमदी प्रांत के मंगाफ इलाके में स्थित एक छह मंजिला इमारत में लगी. स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक, बिल्डिंग में एक ही कंपनी में काम करने वाले करीब 160 कर्मचारी रहते थे, जिसमें से कुछ भारतीय भी थे.

हादसे में 41 भारतीयों की मौत

इस हादसे में मरने वाले भारतीयों की संख्या 41 बताई जा रही है जिसमें से 11 केरल के रहने वाले थे. मरने वाले अधिकांश भारतीय 20 से 50 साल की उम्र के थे. इस आग हादसे में 15 लोग घायल भी हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जिनमें से 4 ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घायलों में 5 दमकलकर्मी भी शामिल हैं जो बचाव अभियान के दौरान हादसे का शिकार हो गए. 

क्या रही मौत की वजह, कैसे लगी आग 
बताया जा रहा है कि जिस समय ये आग लगी उस समय सभी सोए हुए थे. आग लगने के बाद धुएं की वजह से उनका दम घुट गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बिल्डिंग में आग एक किचेन से शुरू हुई थी.

भारतीय दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
जरूरत मंदों की मदद के लिए कुवैत स्थित भारतीय दूतावास ने एक आपातकालीन नंबर+965-65505246 जारी किया है.

विदेश मंत्री ने जताया दुख
कुवैत में हुए इस भीषण आग हादसे पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि भारतीय राजदूत मौके पर मौजूद हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं.

कुवैत के लिए रवाना हुए केंद्री मंत्री केवी सिंह
हादसे का पता चलते ही विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह घायलों के मदद के लिए और मारे गए लोगों के शवों की भारत वापसी सुनिश्चित करने के लिए तुरंत कुवैत के लिए रवाना हो गए हैं. सिंह पीए मोदी के आदेश पर कुवैत गए हैं.

कुवैत सरकार ने अब तक क्या एक्शन लिया
कुवैत के प्रथम उप प्रधानमंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह ने जांच लंबित रहने तक बिल्डिंग के मालिक और कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. इसके अलावा कुछ अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है.