सूडान के दारफुर में विस्थापन शिविर पर हमला, 100 से ज्यादा लोगों की मौत, मरने वालों में 20 बच्चे भी
यह हमला उस समय हुआ जब सूडान पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकटों में से एक का सामना कर रहा है. हमले में नौ सहायता कर्मचारी भी मारे गए, जो जामजाम शिविर में एकमात्र बचे स्वास्थ्य केंद्र को चला रहे थे.

सूडान के विदेश मंत्रालय ने एक दिल दहलाने वाली घटना की पुष्टि की है, जिसमें दारफुर क्षेत्र के एक विस्थापन शिविर में पैरामिलिट्री समूहों ने कम से कम 100 लोगों की हत्या कर दी. मृतकों में 20 मासूम बच्चे भी शामिल हैं. यह हमला उत्तरी दारफुर के जामजाम और अबू शौक शिविरों पर हुआ, जहां हजारों लोग पहले ही हिंसा के कारण विस्थापित हो चुके हैं. सूडान के विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, "यह हमला नागरिकों पर जानबूझकर किया गया एक क्रूर कृत्य है."
मानवीय संकट और बढ़ा
यह हमला उस समय हुआ जब सूडान पहले से ही दुनिया के सबसे बड़े मानवीय संकटों में से एक का सामना कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इन शिविरों में 7 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं, जो पहले की हिंसा से भागकर आए हैं. एक स्थानीय कार्यकर्ता ने बताया, "हमले में नौ सहायता कर्मचारी भी मारे गए, जो जामजाम शिविर में एकमात्र बचे स्वास्थ्य केंद्र को चला रहे थे." हमले ने शिविरों के बाजार और सैकड़ों अस्थायी घरों को भी नष्ट कर दिया.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता
इस हिंसा ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को झकझोर दिया है. संयुक्त राष्ट्र की मानवीय समन्वयक क्लेमेंटाइन नक्वेटा-सलामी ने कहा, "यह एक और घातक और अस्वीकार्य वृद्धि है, जो सूडान में विस्थापित लोगों और सहायता कर्मचारियों पर हमलों की श्रृंखला को दर्शाती है." यह हमला रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (आरएसएफ) द्वारा किया गया, जो अप्रैल 2023 से सूडानी सेना के साथ युद्ध में है.
भविष्य की चुनौतियां
दारफुर में यह ताजा हिंसा क्षेत्र में शांति स्थापना की उम्मीदों को धूमिल करती है. सूडान में पहले से ही अकाल और विस्थापन की स्थिति गंभीर है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल हस्तक्षेप और मानवीय सहायता की मांग की जा रही है ताकि और जानें बचाई जा सकें.