YouTuber Faisal Khan: कई भारतीय युवा ऐसे हैं जिन्हें यूक्रेन के खिलाफ रूस की ओर से जबरन जंग में उतारा गया है. इन भारतीय युवाओं ने कई बार सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर रेस्क्यू की अपील की है. इसके अलावा, उन्होंने अपने परिवार से बातचीत में वहां के हालातों का जिक्र किया. दरअसल, जो युवा रूस में फंसे हैं और जिन्हें यूक्रेन के खिलाफ जंग में उतारा गया है, उन सभी को बेहतर जॉब, रूस की नागरिकता का लालच देकर रूस भेजा गया था.
The India Daily Live ने कुछ दिन पहले एक खबर पब्लिश की थी, जिसमें रूस में फंसे भारतीय युवाओं के परिजन के हवाले से उनकी पीड़ा का जिक्र किया गया था. सभी पीड़ित परिवारों ने एक यूट्यूबर का जिक्र किया था, जिसके झांसे में आकर ये युवा वहां फंस गए. पूरी कहानी आप यहां पढ़ सकते हैं. आज हम उस यूट्यूबर के बारे में बता रहे हैं, जिसका जिक्र पीड़ित परिवारों ने अपनी पीड़ा में किया था.
यूट्यूबर का नाम फैसल खान है, जिसका सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब पर बाबा व्लॉग्स नाम से चैनल है. फैसल की उम्र 30 साल है. पहले भी फैसल पर कई लोगों को धोखा देने का आरोप लग चुका है. इसके अलावा, फैसल खान धर्मांतरण मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते यानी एटीएस की रडार पर भी रह चुका है.
मुंबई का रहने वाले यूट्यूबर का पूरा नाम फैसल अब्दुल मुतल्लिब खान है. उसने छठी क्लास तक पढ़ाई की है. उसका दावा है कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से पहले वो दादर में मछली बेचता था. 2008 में वो दुबई चला गया, जहां उसने कई जगह सेल्समैन का काम भी किया. 2016 में फैसल ने 'बाबाव्लॉग्स' नाम से जनशक्ति परामर्श सेवा शुरू की, जिसमें भारतीयों को खाड़ी देशों में काम करने के लिए भेजा गया. 2016 में ही फैसल खान ने इसी नाम से एक यूट्यूब चैनल शुरू किया.
फैसल ने बाद में अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए यूट्यूब का उपयोग करना शुरू कर दिया और खाड़ी देशों में काम करने के फायदों के बारे में बताते हुए वीडियो डालना शुरू कर दिया. कहा जाता है कि फैसल खान ने बड़ी संख्या में लोगों को विभिन्न नौकरियों में रखवाया. फैसले के वीडियो को देखने वालों की संख्या बढ़ी और युवाओं ने उससे खाड़ी देशों में जॉब के लिए अपनी इच्छा भी जताई. फिलहाल, यूट्यूबर पर उसके तीन लाख फॉलोअर्स हैं. उनका सबसे हालिया वीडियो 8 जनवरी को न्यूजीलैंड के लिए 'श्योर शॉट विजिट वीज़ा' के बारे में पोस्ट किया गया था.
सितंबर 2023 में यूट्यूब पर अपलोड किए गए एक वीडियो में फैसल को कहते हुए सुना जा सकता है कि रूसी सेना में शामिल होने का मुख्य लाभ ये है कि आपको एक विशेष सरकारी कार्ड मिलेगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि आपको हर जगह प्राथमिकता मिले. इस कार्ड के आधार पर आप शेंगेन वीजा और यहां तक कि स्थायी निवास के लिए भी आवेदन कर सकते हैं. वहां की सरकार का मानना है कि इस समय मदद करने वाले सभी लोगों को लाभ दिया जाना चाहिए. यह आपको स्थायी निवास देगा. दावा किया जा रहा है कि फैसल ने इस वीडियो को सेंट पीटर्सबर्ग की सड़कों पर इस वीडियो को शूट किया था.
दावा किया जा रहा है कि फैसल खान ने यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध में रूसी सेना के लिए काम करने के लिए 30 साल के तेलंगाना निवासी मोहम्मद अफसान समेत बड़ी संख्या में भारतीयों को लालच दिया या धोखा दिया. तेलंगाना का अफसान दूसरा भारतीय है, जो यूक्रेन के खिलाफ रूस की जंग में हताहत हुआ. ऐसा कहा जाता है कि दोनों (फैसल खान और मोहम्मद अफसान) तब संपर्क में आए, जब अफसान ने एक वीडियो देखने के बाद फैसल खान से संपर्क किया, जिसे उसने अपने यूट्यूब चैनल (बाबा व्लॉग्स) पर पोस्ट किया था. फैसल खान 'बाबलॉग्स' के नाम से एक जनशक्ति परामर्श फर्म भी चलाता है, जो लोगों को दुबई, सर्बिया, क्रोएशिया, जर्मनी और सिंगापुर जैसे कई अन्य देशों में भेजने की सर्विस प्रोवाइड करता है.
शुक्रवार को दुबई से 'द इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए फैसल खान ने कहा कि जिन लोगों को उसने रूस भेजा, उनका क्या हुआ? ये उसे नहीं पता. उसने कहा कि मैंने कुल 35 लोगों को रूस भेजा है. मैं भी यहां एक पीड़ित हूं. मुझे रूस में अन्य एजेंटों और संचालकों ने बताया कि इन लोगों को यूक्रेन के खिलाफ जंग में तैनात नहीं किया जाएगा. जब मुझे पता चला कि कुछ लोगों को जंग में झोंक दिया गया है, तो मैंने उन्हें वापस लाने की पूरी कोशिश की. उसने ये भी दावा किया कि उसकी ओर से भेजे गए सभी भारतीय जॉब से जुड़े जोखिम से अवगत थे. उसने कहा कि कुछ लोगों को ज्यादा सैलरी का लालच दिया गया होगा.
फैसल ने कहा कि मेरा इरादा किसी को धोखा देने और उन्हें नुकसान पहुंचाने का नहीं है. अगर मैं लोगों को धोखा दे रहा होता तो क्या मैं कोई सबूत छोड़ता? खान ने कहा कि रूस में लोगों को जो काम करना होगा, उसके बारे में बताने वाले मेरे सभी वीडियो अभी भी ऑनलाइन हैं और मैंने उन्हें हटाया नहीं है क्योंकि मैं दोषी नहीं हूं.
2018 में फैसल पहली बार तब विवादों में फंस गया, जब मुंबई के 23 साल के एक युवा के परिजन ने दावा किया कि जिसे उसने दुबई भेजा था, उसने वहां इस्लाम धर्म अपना लिया है. कुछ समय बाद मुंबई एटीएस ने फैसल खान से 23 साल के युवा के धर्म परिवर्तन मामले में पूछताछ भी की थी, हालांकि उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया था. अब एक बार फिर कई परिवारों ने अपने बच्चों के रूस में फंसने के पीछे के कारणों के बारे में बात करते हुए फैसल खान का जिक्र किया है.
कई परिवारों ने फैसल का नाम लेते हुए उसके यूट्यूब चैनल 'बाबा व्लॉग्स' का जिक्र किया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फैसल खान ने अक्टूबर 2022 से भारतीयों को आर्मेनिया, क्रोएशिया, सिंगापुर समेत अन्य देशों में भेजना शुरू किया. जुलाई 2023 से, उसने रूस में नौकरी के अवसरों को बढ़ावा देना शुरू किया, लोगों को बताया कि वे डिलीवरी मैन और टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम कर सकते हैं. धीरे-धीरे, उसने रूसी सेना के लिए काम करने के लाभों को बढ़ावा देना शुरू कर दिया. लोगों को 40,000 रुपये का शुरुआती वेतन देने का वादा किया, जिसे तीन महीने के ट्रेनिंग के बाद बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया जाएगा.
सितंबर 2023 में पोस्ट किए गए एक वीडियो में फैसल को कहते हुए सुना जा सकता है कि आपको मिसाइल दागने की ज़रूरत नहीं है. यहां कोई युद्ध नहीं हो रहा है. लड़ाई सीमा पर हो रही है, जहां उनकी सेना है. उन्हें किसी ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता है जो घरेलू मोर्चे की देखभाल कर सके और इसके लिए मैनपावर की जरूरत है. ये काम तो आप ही संभाल लेंगे. आपका काम ध्वस्त इमारतों को साफ़ करना होगा. आपको उनके हथियारों और गोला-बारूद की भी देखभाल करने की आवश्यकता होगी.
वीडियो में फैसल ये भी कहता है कि इन कामों में किसी तरह का कोई जोखिम नहीं है, क्योंकि मैंने खुद रूस जाकर इन कामों के बारे में जानकारी ली है. अगर सीमा पर जाना और बंदूक चलाना होता, तो मैं कभी भी इस तरह के वीडियोज बनाकर शेयर नहीं करता. तेलंगाना के अफसान समेत करीब दो दर्जन युवाओं को फैसल खान ने कथित तौर पर रूस भेजा था. फैसल ने इन सेवाओं की पेशकश तीन नंबरों के माध्यम से की, जिन्हें उसने अपनी वेबसाइट और चैनल पर शेयर किया. ये नंबर फैसल खान के साथी सूफियान के थे, जो उसकी तरह एक यूट्यूब चैनल चलाता था, जिसे अब हटा दिया गया है.