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स्टाइलिश चश्मे, महंगी घड़ी, हाथरस कांड वाले 'भोले बाबा' की लाइफस्टाइल देखकर उड़ जाएंगे होश, प्राइवेट आर्मी करती है सुरक्षा

Hathras Satsang Accident: भोले बाबा किसी अन्य बाबा की तरह पोशाक नहीं पहनता. वह अपने सत्संग में थ्री पीस सूट, कुर्ता पैजामा और रंगीन चश्मे में नजर आता है. हाथरस सत्संग हादसे का बाबा डिजाइनर कपड़े, गोल्डन घड़ी के अलावा लग्जरी गाड़ी के भी काफी शौकीन है. ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये बाबा धर्म के नाम पर धंधा चला रहा था.

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Bhole baba
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा उर्फ नारायण हरि साकार के अनुयायी उनके पैरों की रज पाने के लिए इस कदर पागल हुए की भगदड़ मच गई. जिसके बाद मौके पर लाशों का अंबार लग गया. चारों ओर लाशें बिछ गईं. हाथरस में भगदड़ कांड के बाद से सत्संग करा रहे भोले बाबा की चर्चा तेज हो गई. कल तक गुमनाम इस बाबा के रहस्य धीरे-धीरे अब सामने आ रहे हैं. प्राइवेट आर्मी, आश्रम में किलेबंदी, डिजाइनर कपड़े और जूते, महंगे चश्मे और गोल्डन घड़ी बाबा को लेकर ऐसी बातें सामने आने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या ये बाबा धर्म के नाम पर धंधा चला रहा था. 

नाम एक पहचान कई, कभी खुद को IB का अधिकारी बताता है तो कभी पुलिस से रिटायर्ड अधिकारी तो कभी खबर आती है कि ये हेड कांस्टेबल था. वहीं भक्तों के लिए एक आराध्य भी था. अब ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इसकी असलियत क्या है?

बाबा की असलियत क्या है?

जानकारी के मुताबिक भोले बाबा के सत्संग का आयोजन जब भी होता है तो उनके सेवादारों की प्राइवेट आर्मी सत्संग की सुरक्षा व्यवस्था, परिवहन, पार्किंग, पानी आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करती है. सेवादारों की आर्मी में महिलाएं भी शामिल होती है. जहां भी कथा का आयोजन होता है वहां मैदान की सफाई की पूरी जिम्मेदारी महिला सेवादारों की होती है और बाकी कार्यों की देख रेख पुरूष सेवा दार करते हैं. 

लग्जरी गाड़ियों में घूमता है बाबा

लोगों के मुताबिक भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरी जहां भी जाता है. अपना काफिला लेकर घूमता है. बाबा के काफिले के पीछे और गाड़िया भी होती है, जिनमें से किसी एक में बाबा होता है. कहने को तो ये लोगों के लिए धर्मगुरू बने फिरता है लेकिन इनका रहन सहन किसी बड़े हस्ती से कम नहीं है. 

थ्री पीस सूट और रंगीन चश्मे में सत्संग करता है बाबा

भोले बाबा किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशान नहीं पहनता. वह अपने सत्संग में थ्री पीस सूट और रंगीन चश्मे में नजर आता है. सूट और बूट का रंग हमेशा सफेद रखता है. कई बार तो कुर्ता पैजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचता है. कुल मिलाकर बाबा पूरी ऐशो आराम की जिंदगी जीता है. 

30 एकड़ में फैला बाबा का आश्रम

भोले बाबा का आश्रम 30 एकड़ में फैला हुआ है. जहां किसी देवता की मूर्ति नहीं है. वहीं ये बाबा अपने आयोजन में भी कोई प्रसाद नहीं चढ़ता. अनुयायी भी कोई चढ़ावा नहीं चढ़ाते हैं. बाबा के अनुयायी भोले बाबा उर्फ साकार विश्व हरि को परमात्मा कहते हैं. जबकि उसकी पत्नी को मां जी. हर समागम कार्यक्रम में बाबा और उसकी पत्नी दोनों शामिल होते हैं. जब बाबा नहीं होता है तो पत्नी प्रवचन देती है. 

लाशों से पट गया पूरा हाथरस

टिप टॉप अंदाज में रहने वाले इस भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरी हाथरस में अभी स्वैग के साथ समागम स्थल से निकल गए, लेकिन पीछे छोड़ गए एक ऐसी भीड़ जो उनकी भक्ति में इस कदर लीन थी कि आज पूरा हाथरस लाशों से पटा है.