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यमुना मईया के श्राप के कारण आपकी हार हुई, आतिशी से बोले एलजी वीके सक्सेना

सूत्रों के अनुसार सक्सेना ने आतिशी से कहा कि उन्होंने उनके बॉस अरविंद केजरीवाल को यमुना के श्राप के बारे में चेतावनी दी थी, क्योंकि उन्होंने नदी की सफाई के लिए एक परियोजना को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
 LG VK Saxena told Atishi
Courtesy: Social Media

आतिशी ने एलजी वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया. इस दौरान दिल्ली के एलजी वी. के. सक्सेना ने कहा कि आप यमुना मईया के श्राप के कारण हारी हैं. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रविवार को निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी से कहा कि आप यमुना मां के श्राप के कारण हारी हैं, जब वे राजभवन में अपना नामांकन दाखिल करने गई थीं.

सूत्रों के अनुसार सक्सेना ने आतिशी से कहा कि उन्होंने उनके बॉस अरविंद केजरीवाल को "यमुना के श्राप" के बारे में चेतावनी दी थी, क्योंकि उन्होंने नदी की सफाई के लिए एक परियोजना को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई थी.
राजभवन के सूत्रों के अनुसार, आतिशी ने एलजी की टिप्पणी का जवाब नहीं दिया. इसकी जड़ें दो साल पहले सक्सेना और केजरीवाल के बीच गतिरोध में हैं. जनवरी 2023 में यमुना में प्रदूषण के उच्च स्तर का सामना करते हुए, राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने नदी के कायाकल्प की निगरानी के लिए एलजी के तहत एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था.

यमुना का लगा अभिशाप?

जैसे ही पैनल ने अपना काम शुरू किया, केजरीवाल ने अपना समर्थन जताया और सहायता की पेशकश की. हालांकि, बाद में दिल्ली सरकार ने एनजीटी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसमें वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंघवी ने तर्क दिया कि एक डोमेन विशेषज्ञ को पैनल का नेतृत्व करना चाहिए. यह रोक अब दो साल से अधिक समय से लागू है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केजरीवाल के साथ एक बैठक के दौरान, सक्सेना ने AAP प्रमुख से कहा कि उन्हें यमुना के अभिशाप का सामना करना पड़ेगा.

यमुना की सफाई बड़ा मुद्दा

सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार के रुख में बदलाव को नौकरशाही ने केजरीवाल के इस डर के लिए जिम्मेदार ठहराया कि अगर इस परियोजना को एलजी के तहत क्रियान्वित किया गया तो इसका श्रेय AAP को नहीं मिलेगा. 2015 में केजरीवाल ने पांच साल के भीतर यमुना को साफ करने का वादा किया था, लेकिन ठोस उपाय शुरू करने में विफल रहे. वादे को पूरा करने में उनकी विफलता चुनाव अभियान में एक बड़ा मुद्दा बन गई. भाजपा ने इस पर उनका मजाक उड़ाया और मतदाताओं को याद दिलाया कि 2025 तक यमुना का पानी इतना साफ हो जाएगा कि वे खुशी-खुशी उसमें डुबकी लगाएंगे. यह बात बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के प्रवासियों के लिए थी जो छठ पर्व के दौरान लाखों की संख्या में यमुना तट पर जाते हैं. 

चुनाव के बाद के विश्लेषणों से पता चलता है कि पूर्वांचल के बड़े हिस्से ने आप से अलग होकर भाजपा को वोट दिया, जिसका उन्होंने पिछले दो विधानसभा चुनावों में समर्थन किया था. यह प्रदूषण के बढ़ते संकट का प्रतीक भी बन गया. मुद्दा उनके खिलाफ जाने पर केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर नदी को "जहर" देने का आरोप लगाया, जिस पर पड़ोसी राज्य के साथ-साथ भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रिया आई.
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